Zara Esmaeili: बिना हिजाब गाना गाया तो मुस्लिम देश में महिला को डाल दिया जेल में, मारा-मारा फिर रहा परिवार
Iran Hijab News: द मिरर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, जारा एस्मैइली ने पिछले महीने Amy Winehouse का गाना बैक टू ब्लैक गाया था, जो इंस्टाग्राम पर वायरल हो गया. पिछले हफ्ते उनको कस्टडी में ले लिया गया. इसके बाद से वह कहां और किस हालत में हैं,इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
Iran News: ईरान में महिलाओं की आवाज दबाने की हर मुमकिन कोशिश हो रही है. अब एक ईरानी महिला को पब्लिक में बिना हिजाब गाना गाने को लेकर जेल में डाल दिया गया है. ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है.
जिस महिला को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया है, उनका नाम है जारा एस्मैइली. जारा उस वक्त लाइमलाइट में आईं, जब उनके बिना हिजाब पहने और गाना गाते हुए वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे कट्टरपंथी देश की सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई और उन्होंने जारा के खिलाफ एक्शन ले लिया.
जारा एस्मैइली के बारे में नहीं कोई जानकारी
द मिरर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, जारा एस्मैइली ने पिछले महीने Amy Winehouse का गाना बैक टू ब्लैक गाया था, जो इंस्टाग्राम पर वायरल हो गया. पिछले हफ्ते उनको कस्टडी में ले लिया गया. इसके बाद से वह कहां और किस हालत में हैं,इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
ईरानी मीडिया के मुताबिक, एस्मैइली का परिवार बेहद चिंतित है और तमाम कोशिशों के बाद उनके परिवार को उनका कोई सुराग नहीं मिला है.
ईरानी गायक और बर्लिन स्थित राइट टू सिंग कैम्पेन के संस्थापक फ़रावाज फरवरदीन ने गिरफ्तारी की निंदा की. उन्होंने कहा, 'जारा एक ईरानी महिला सिंगर हैं औऱ उनको पब्लिक में गाना गाने को लेकर तेहरान के सेंट्रल डिटेंशन सेंटर में रखा गया है.'
'जारा पर था दबाव'
उन्होंने आगे कहा, जारा पर पूछताछ करने वालों का दबाब था, ताकि वह यह स्वीकार कर लें कि ईरान के बाहर कार्यकर्ताओं और संगीतकारों के साथ उनके रिश्ते हैं. यह दावा झूठ है और इस्लामिक रिपब्लिक के थिंक टैंक ने किया है.'
दरअसल, ईरानी सरकार नहीं चाहती कि जैसा दो साल पहले देश में विरोध-प्रदर्शन हुआ था, एस्मैइली के मामले में भी वैसा ही हो. इसलिए उनको गिरफ्तार कर लिया गया है. 22 साल की कुर्दिश महिला महसा अमीनी की कस्टडी में मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे. दरअसल अमीनी को ईरान की मोरैलिटी पुलिस ने कपड़ों को लेकर गिरफ्तार किया था. इस्लामिक देश में आजादी और प्रतिबंधों के बोझ तले दबी इकोनॉमी को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
1979 की क्रांति के बाद से यह ईरान में सबसे बड़ा प्रदर्शन था, जिससे निपटना सरकार के लिए भी चुनौती बन गया था. इसलिए इस बार सरकार दो साल पहले हुए विरोध-प्रदर्शन का रिस्क उठाना नहीं चाहती.