जिनेवा: कोरोना (Coronavirus) महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से एक चिंता बढ़ाने वाला बयान सामने आया है. WHO का कहना है कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) भारत में मिले डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कम असरदार पाई गई है. हालांकि, WHO ने स्पष्ट किया है कि वैक्सीन मौत और गंभीर बीमारी के खतरे से बचाने में कारगर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महामारी विशेषज्ञ का कहना है कि कई म्यूटेशन होने की वजह से वैक्सीन का कोरोना वायरस के खिलाफ असर कम हो सकता है.


Delta Plus सबसे खतरनाक!


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डेल्टा (Delta Variant) का नया रूप यानी डेल्टा प्लस भी सामने आ गया है, जो डेल्टा वैरिएंट में हुए म्यूटेशन की वजह से बना है. वायरस के हावी होने में सक्षम स्वरूपों को एक जैविक लाभ मिलता है, जो है म्यूटेशन (उत्परिवर्तन). इसके जरिए ये स्वरूप लोगों के बीच बहुत ही आसानी से फैलते हैं. डेल्टा प्लस को कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक वैरिएंट माना जा रहा है. कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा, अभी तक ये चार वैरिएंट सामने आए हैं.


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Sputnik-V को लेकर दावा


हालांकि, रूस के डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) का दावा है कि स्पूतनिक V (Sputnik-V) कोरोना वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ ज्यादा असरदार है. RDIF के अनुसार, किसी भी दूसरी वैक्सीन के मुकाबले इस ज्यादा संक्रामक और घातक वैरिएंट के खिलाफ रूस की वैक्सीन ने सबसे ज्यादा असर दिखाया है. यह दावा हाल ही में हुए के अध्ययन के आधार पर किया गया है.  


यहां, Delta Plus के केस मिले


इस बीच, महाराष्ट्र में डेल्टा वैरिएंट के 21 मामले सामने आए हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी है. केरल में भी डेल्टा प्लस कम से कम तीन मामले सामने आए हैं. अधिकारियों ने कहा कि केरल के पलक्कड़ और पठानमथिट्टा जिलों से एकत्र किए गए नमूनों में SARS-CoV-2 डेल्टा-प्लस वैरिएंट के कम से कम तीन मामले पाए गए हैं. बता दें कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सभी राज्यों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.