Bangladesh Clash: पड़ोसी देश बांग्लादेश में और हिंदुओं के खिलाफ जुल्म की इंतेहा हो गई है और लगातार उनपर हमले किए जा रहे हैं. संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ सड़क पर उतरे हिंदू समाज पर हमला किया गया है. इतना ही नहीं, अब बांग्लादेश में हिंदुओं और इस्कॉन के खिलाफ खुलेआम नारेबाजी की जा रही है. हिंदुओं को काटने की धमकी दी जा रही है. बकायदा सड़कों पर रैली निकालकर हिंदुओं को काटने की धमकी दी जा रही है. रैली में 'हिंदुओं को पकड़ो, इस्कॉन वालों को पकड़ों और काट दो' के नारे लग रहे है. इसके साथ ही नाम पूछ-पूछकर हिंदुओं को पीटा जा रहा है, जिसका वीडियो सामने आने के बाद भारत के लोगों में आक्रोश है.
- बांग्लादेश में 24X7 हमले: इस्कॉन कोलकाता उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने बुधवार को एक वीडियो शेयर किया, जिसमें लोग हंगामा और पथराव करते नजर आ रहे हैं. उन्होने एक्स पर लिखा, 'बांग्लादेश में हिंदुओं और हिंदू पूजा स्थलों पर चौबीसों घंटे हमले हो रहे हैं. यह सब कब रुकेगा?'
- हिंदुओं को पकड़ो के नारे: इस्कॉन कोलकाता उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने मंगलवार देर रात भी एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें लोग नारे लगाते दिख रहे हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'अभी चटगांव में इस्लामी भीड़ हिंदू बस्तियों की ओर बढ़ रही है और नारे लगा रही है- एकता एकता इस्कॉन-नाइट (हिंदू) धोर, धोइरा धोइरा जोबाई कोर', जिसका अर्थ है 'एक-एक करके इस्कॉन-नाइट/हिंदुओं को पकड़ो और उन्हें पकड़ने के बाद उनका वध करो.' आज रात बहुत तनावपूर्ण स्थिति और बहुत लंबी रात है. कृपया बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए प्रार्थना करें.'
- फिलिस्तीन में कुछ होता है, तो पूरा Ecosystem जाग जाता: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने बांग्लादेश में इस्कॉन के एक पुजारी की कथित गिरफ्तारी की निंदा करते हुए बुधवार को एकजुटता का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'वहां जो कुछ हो रहा है, उसे देखना बहुत दुखद है। यदि फिलिस्तीन में कुछ होता है, तो पूरा Ecosystem जाग जाता है, लेकिन जब यह बांग्लादेश में होता है, तो कोई भी प्रतिक्रिया नहीं करता है.' पवन कल्याण ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'आइए, हम सब मिलकर बांग्लादेश पुलिस द्वारा इस्कॉन के पुजारी ‘चिन्मय कृष्ण दास’ को हिरासत में लिए जाने की घटना की निंदा करें. हम मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं पर अत्याचार रोकने का आग्रह और निवेदन करते हैं.' उन्होंने बांग्लादेश के निर्माण में भारतीय सेना के बलिदान को याद किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा, 'बांग्लादेश के निर्माण में भारतीय सेना का खून बहा, हमारे संसाधन खर्च हुए, हमारे सेना के जवानों की जान गई. जिस तरह से हमारे हिंदू भाइयों और बहनों को निशाना बनाया जा रहा है, उससे हम बहुत परेशान हैं.'
- भाजपा ने कोलकाता में निकाली रैली: भाजपा के करीब 200 कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कोलकाता के बेहाला इलाके में एक रैली निकाली और गिरफ्तार बांग्लादेशी हिंदू समुदाय के नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की तत्काल रिहाई की मांग की. रैली में शामिल लोगों ने ‘मशाल’ लेकर नारे लगाए और धार्मिक संगठन से जुड़े दास की रिहाई की मांग की और कहा कि भविष्य में अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं की ऐसी गिरफ्तारी न की जाए. भाजपा के एक स्थानीय नेता ने कहा, 'हम दास की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं, जिनका एकमात्र दोष यह था कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हुए हमलों का विरोध किया था.'
- कोलकाता में सड़क पर दिखा गुस्सा: बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को एक्स पर लिखा, 'चंद घंटों के नोटिस पर, कोलकाता के मध्य में बड़ी संख्या में सनातनियों ने एकत्रित होकर चटगांव और अन्य स्थानों पर कट्टरपंथी अंतरिम शासन द्वारा बांग्लादेश के हिंदू समुदाय पर नियमित रूप से पूर्व-नियोजित और संगठित हमलों के खिलाफ आवाज उठाई. मैंने पश्चिम बंगाल के सभी सनातनियों से आदरणीय हिंदू भिक्षु श्री चिन्मय कृष्ण दास की अवैध हिरासत के खिलाफ विरोध करने का आग्रह किया है, जो अब बांग्लादेश के हिंदू समुदाय की आवाज बन गए हैं. मैं इस संबंध में कल दोपहर 3 बजे बांग्लादेश उच्चायोग की ओर मार्च करूंगा.'
- संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत का बयान: भारत ने संद चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किए जाने और उन्हें जमानत नहीं दिए जाने पर गहरी चिंता जताई है और और बांग्लादेशी प्राधिकारियों से हिंदुओं एवं सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत नहीं मिलने का गहरी चिंता के साथ संज्ञान लिया है. विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, 'यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमले किए जाने के बाद हुई है.'
- बांग्लादेश में कई मंदिरों में तोड़फोड़: बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे हैं. बांग्लादेश में अब तक हिंदुओं के कई मंदिरों को निशाना बनाया गया है. लोकनाथ मंदिर, मनसा माता मंदिर और काली माता मंदिर को काफी नुकसान पहुंचाया गया है.
- बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन: चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास की गिरफ्तारी को लेकर भी बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस हमले में 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
- इस्कॉन ने सख्त ऐतराज जताया: चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर इस्कॉन ने सख्त ऐतराज जताया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेता चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यह खबर हमारे लिए चिंताजनक है। अब समय आ चुका है कि हिंदू समुदाय के लोग एकजुट हो जाएं. हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वो इस संबंध में बांग्लादेश सरकार से बात करके जल्द से जल्द कोई कदम उठाए, ताकि यहां हिंदुओं पर हमले रुके. हम एक शांतिपूर्ण भक्त हैं. हम चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार जल्द से जल्द चिन्मय कृष्ण दास को रिहा करें.'
- चिन्मय कृष्ण दास गिरफ्तार, कोर्ट से जमानत नहीं: बांग्लादेश में प्रमुख हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है और अदालत ने मंगलवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. ढाका और चटगांव में हिंदू समुदाय के सदस्यों के विरोध प्रदर्शनों के बीच ब्रह्मचारी को जेल भेज दिया गया. बांग्लादेश पुलिस ने हिंदू संगठन ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को ढाका में हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया था, जब वह चटगांव जा रहे थे. उन्हें चटगांव लाया गया. दास और 18 अन्य लोगों के खिलाफ 30 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक नेता की शिकायत पर चटगांव के कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था. उन पर 25 अक्टूबर को हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान शहर के लालदीघी मैदान में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था. चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम की अदालत ने चिन्मय दास की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. जज ने कहा कि चूंकि दास को शहर के बाहर से गिरफ्तार किया गया है, तो कानून के अनुसार उन्हें 24 घंटे न्यायिक हिरासत में रखा जाना आवश्यक है. इसके बाद अदालत ने दास को जेल ले जाने का आदेश दिया और जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि हिंदू धर्मगुरु को जेल संहिता के अनुसार उनके धार्मिक रीतिरिवाज का अनुसरण करने की अनुमति दी जाए.