Pakistan-China Relations: पाकिस्तान ने चीन से 6.3 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध अनुरोध किया है. इसकी समयसीमा अगले आठ महीने में पूरी होने वाली है.एक मीडिया रिपोर्ट में रविवार को यह जानकारी दी गई. पाकिस्तान दरअसल अपने ऋण एवं बाहरी व्यापार से जुड़े दायित्वों को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष में 34 अरब डॉलर जुटाना चाहता है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने कहा कि 2022-23 के लिए द्विपक्षीय कर्ज चुकाने के लिए चीन से नया कर्ज लेने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है.


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इसमें बताया गया कि पाकिस्तान में चीन के राजदूत नोंग रोंग और वित्त मंत्री मोहम्मद इसाक डार के बीच शनिवार को हुई बैठक में करीब 6.3 अरब डॉलर के वाणिज्यिक कर्ज की अदायगी की समयसीमा और पुनर्वित्त के मुद्दे पर चर्चा की.


वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि अब से लेकर अगले वर्ष जून तक चीन से लिए 3.3 अरब डॉलर के वाणिज्यिक ऋण और तीन अरब डॉलर के सुरक्षित जमा ऋण की अवधि परिपक्व हो रही है. इसके अलावा 90 करोड़ डॉलर से अधिक का चीन के साथ द्विपक्षीय कर्ज भी चालू वित्त वर्ष में बकाया रहने वाला है.


एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान हुआ बाहर
बता दें पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की ग्रे (संदिग्ध) सूची से बाहर कर दिया गया है. एफएटीएफ आतंकवादी वित्त पोषण और धन शोधन पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था है. पाकिस्तान को लगभग चार साल पहले एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया था. एफएटीएफ ने 20-21 अक्टूबर को पेरिस में हुई अपनी पूर्ण बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची से हटाने का फैसला लिया.


ग्रे सूची से बाहर होने के बाद पाकिस्तान अपनी लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ (ईयू) से वित्ती मदद हासिल करने की कोशिश कर सकता है.


(इनपुट - भाषा)


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