Bangladeshi Hindus: हम आपको पूरी दुनिया के ठेकेदार बनने वाले संयुक्त राष्ट्र और दुनिया में धार्मिक अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली तमाम संस्थाओं को आईना दिखाना चाहते हैं. जिन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार पर आंखें बंद की हुईं हैं. 


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बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार


बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है. उन्हें चुन-चुनकर मारा जा रहा है. उनको भगाया जा रहा है. कट्टरपंथियों की भीड़ हिंदुओं को बांग्लादेश से साफ कर देने पर आमादा है. लेकिन जो लोग.. जो संस्थाएं.. गाजा में All Eyes On Rafah... ट्रेंड करवाती हैं. उन्हें बांग्लादेशी हिंदू दिख ही नहीं रहे. संयुक्त राष्ट्र के Double Standards देखिये.. उसे म्यांमार में अत्याचार सहते रोहिंग्या नजर आते हैं लेकिन बांग्लादेश में अत्याचार सहते हिंदू नजर नहीं आते.


संयुक्त राष्ट्र का 'मोतिया बिंद'


UN Refugee Agency जो दुनियाभर में शरणार्थी संकट पर दुख जताती है. उसकी नजर अभी तक बांग्लादेश में शरणार्थी हो गये हिंदू नजर नहीं आते. जो बांग्लादेश में अपने घर छोड़कर बॉर्डर पर आकर बैठ गए हैं. क्या वो देश.. जो खुद को शरणार्थियों का मसीहा कहते हैं. वो देश जो भारत को रोहिंग्याओं को शरण देने की सीख देते हैं... क्या वो देश.. बांग्लादेश के हिंदुओं को शरण देंगे? हम पूछना चाहते हैं दुनियाभर की उन संस्थाओं से, जो भारत को धर्म निरपेक्षता का उपदेश देती हैं. उन्हें बांग्लादेश में मरते हिंदू नजर क्यों नहीं आते. क्या उन्हें मोतिया बिंद हो गया है? या वो Colour Blindness की तरह Religious Blindness का शिकार हो गये हैं? क्या है कोई देश..जो बांग्लादेश के हिंदुओं को शरण देगा?


बांग्लादेश में अब हिंदुओं के लिए कोई जगह नहीं


क्योंकि बांग्लादेश में अब हिंदुओं के लिए कोई जगह नहीं है. हिंदू परिवार अब बांग्लादेश में नहीं रहना चाहते हैं. सैंकड़ों हिंदू परिवार सीमा की तरफ निकल पड़े हैं. हमें नहीं पता कि बांग्लादेश से हिंदू पलायन कर पाएंगे भी या नहीं या फिर उससे पहले ही जमातियों और उपद्रवियों के हाथों मारे जाएंगे. क्योंकि बांग्लादेश में अब हिंदुओं का सरेआम कत्लेआम चल रहा है. हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है. और हिंदुओं की हत्या के फतवे जारी हो रहे हैं.