दुनिया को पता नहीं, भारत ने कितनी प्रगति कर ली है... अमेरिका में बोलीं स्मृति ईरानी
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दुनिया को पता नहीं, भारत ने कितनी प्रगति कर ली है... अमेरिका में बोलीं स्मृति ईरानी

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेरिका के दौरे पर हैं. एक कार्यक्रम में उन्होंने साफ कहा कि दुनिया को भारत की वित्तीय संभावनाओं के बारे में जानकारी कम है. वे नहीं जानते कि भारत ने कितनी प्रगति कर ली है.

दुनिया को पता नहीं, भारत ने कितनी प्रगति कर ली है... अमेरिका में बोलीं स्मृति ईरानी

पूर्व मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेरिका में महत्वपूर्ण बात कही है. उन्होंने कहा कि भारत द्वारा की गई प्रगति के बारे में वैश्विक स्तर पर जानकारी का अभाव है और उसकी वित्तीय संभावनाओं से दुनिया पूरी तरह अवगत नहीं है. ईरानी ने ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन अमेरिका’ के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमारे देश की वित्तीय संभावनाओं से दुनिया पूरी तरह अवगत है.’ ईरानी अमेरिका की अनौपचारिक यात्रा पर हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने कितनी प्रगति की है, इस बारे में जानकारी की कमी है.

उन्होंने कहा, ‘भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए की गई कार्रवाई के बारे में ज्यादा सूचनाएं नहीं हैं. इसी तरह से देश में विशुद्ध विनिर्माण, यहां के कृषि आधारित उद्योग के बारे में यह गलत धारणा है कि हमारी अर्थव्यवस्था केवल बड़े व्यवसायों के लिए खुली है.’

स्मृति ने क्या-क्या कहा

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘वर्तमान में अगर आप हमारे देश में छोटे कारोबारियों को देखें तो 90 प्रतिशत खुदरा व्यापार तथाकथित असंगठित क्षेत्र में होता है. व्यवसाय के दृष्टिकोण से छोटी दुकानें जिन्हें अक्सर दिल्ली में ‘किराना दुकान’ या अमेरिका में ‘मॉम-एंड-पॉप स्टोर’ कहा जाता है, वे 844 अरब अमेरिकी डॉलर का कारोबार कर रही हैं.’ ईरानी ने तीन महीने से भी कम समय में कोविड-19 रोधी टीके की 2.2 अरब खुराक देने की उपलब्धि को भी रेखांकित किया.

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भाजपा नेता ने कहा, ‘भारत से बाहर के लोग, खासकर पश्चिमी देशों से लोग हैरान थे. उन्हें हैरानी थी कि हमने एक ऐप के जरिए न सिर्फ लोगों को कोविड-19 रोधी टीका दिया बल्कि 6,00,000 गांव के लोग वास्तव में यह जानते थे कि महामारी में उन्हें क्या करना है.’

उन्होंने कहा कि दूसरे देश भी इस बात से चकित थे कि भारत केवल तीन महीनों में पीपीई सूट निर्माण में एक प्रमुख शक्ति बन सकता है, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन सकता है, चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है और आपूर्ति श्रृंखला में वित्तीय बाधाओं को तोड़ सकता है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के कदम उठाने का इंतजार नहीं कर रहा है, बल्कि उसने दुनिया को फायदा पहुंचाने वाले समाधान तैयार प्रस्तुत किए हैं. (भाषा)

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