कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने रविवार को कहा कि ‘‘उद्दंड’’ बर्ताव के चलते रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त किया गया और कहा कि महिंदा राजपक्षे को संविधान के अनुरूप नया प्रधानमंत्री बनाया गया है. शुक्रवार की रात को विक्रमसिंघे की नाटकीय बर्खास्तगी के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले पैगाम में सिरीसेना ने कहा कि 2015 में अपनी जीत के बाद से विक्रमसिंघे की राजनीतिक आचार-व्यवहार नामुनासिब था. श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वे श्रीलंका के भविष्य को अपने इर्दगिर्द के ऐसे लोगों की मंडली के लिए मौज-मस्ती की चीज समझते दिखे जिन्हें आमजन की सोच की जरा भी समझ नहीं है. ’’


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सिरीसेना ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने सुशासन की अवधारणा को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया जबकि भ्रष्टाचार और बरबादी हर तरफ आम हो गई. उन्होंने कहा, ‘‘नीतिगत मामलों हम दोनों के बीच विशाल अंतराल था. मैं मानता हूं कि हमारे बीच के सांस्कृतिक और नीतिगत मतभेद ने इस राजनीतिक एवं आर्थिक संकट में योगदान किया. ’’



अपने संबोधन में सिरीसेना ने सेंट्रल बैंक बॉंड घोटाले पर विक्रमसिंघे पर तीखा हमला किया जिसमें उनके मित्र अर्जुन महेन्द्रन पर आरोप लगाए गए थे.  महेन्द्रन की नियुक्ति भी विक्रमसिंघे ने ही की थी. उन्होंने कहा, ‘‘बॉंड घोटाले के चलते देश अभूतपूर्व आर्थिक में फंस गया.’’


सिरीसेना ने विक्रमसिंघे पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी हत्या की कथित साजिश को बहुत हल्के ढंग से लिया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सूचना मिली के जांच कर रहे वरिष्ट पुलिस अधिकारी जान-बूझ कर अटार्नी जनरल के विभाग के अधिकारियों से मुलाकात से बच रहे थे. ’’



उन्होंने विक्रमसिंघे के इस आरोप को खारिज कर दिया की उनकी बर्खास्तगी असंवैधानिक और अवैध है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह बिल्कुल साफ करना चाहता हूं कि (राजपक्षे) की नयी नियुक्ति संविधान की कठोरता से पालन करते हुए विशेषज्ञ कानूनी सलाह पर किया गया है.’’ 


इनपुट भाषा से भी