World Health Organization :  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की और से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें पाया गया कि 2019 और 2021 के बीच वैश्विक जीवन प्रत्याशा 1.8 वर्ष घटकर 71.4 वर्ष हो गई है, जबकि स्वस्थ जीवन प्रत्याशा 1.5 वर्ष घटकर 61.9 वर्ष हो गई है. बता दें, कि  अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है, जहां जीवन प्रत्याशा में लगभग 3 वर्ष की गिरावट आई है.


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WHO के डायरेक्टर जनरल ने क्या कहा


डब्ल्यूएचओ (WHO)  के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम ने बताया, कि कोविड-19 महामारी ने सिर्फ दो साल में जीवन प्रत्याशा में एक दशक की बढ़त को मिटा दिया है. साथ ही उन्होंने नए महामारी समझौते के महत्व पर ध्यान दिलाया, उन्होंने कहा न केवल वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, बल्कि स्वास्थ्य में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की रक्षा करने और समानता को बढ़ावा देने के लिए भी कोविड-19 मौत का सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है. 


कोरोना के दौरान 13 मिलियन लोगों की जाने गई


जो 2020 में दुनिया भर में तीसरे स्थान पर और 2021 में दूसरे स्थान पर रहा, जिसने लगभग 13 मिलियन लोगों की जान ले ली. WHO  की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (NCD) जैसे कि इस्केमिक हृदय रोग और स्ट्रोक, कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, अल्जाइमर रोग और अन्य मनोभ्रंश, और मधुमेह महामारी से पहले सबसे बड़े हत्यारे थे, जो 2019 में सभी मौतों के 74% के लिए जिम्मेदार थे. 



रिपोर्ट  में क्या-क्या कहा गया


रिपोर्ट में कुपोषण और मोटापे के बारे में चिंताजनक रुझान पर भी प्रकाश डाला गया है. 2022 में, 5 साल और उससे ज्यादा उम्र के 1 बिलियन से ज्यादा लोग मोटापे से पीड़ित थे, जबकि आधे बिलियन से ज्यादा लोग कम वजन के थे.
 5 साल से कम उम्र के बच्चों में, 148 मिलियन बच्चे बौनेपन, 45 मिलियन बच्चे कमजोर और 37 मिलियन बच्चे ज्यादा वजन वाले थे.



महामारी के वजह से आई परेशानियों के बावजूद, WHO के ट्रिपल बिलियन लक्ष्यों और स्वास्थ्य संबंधी सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में कुछ प्रगति हुई है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. 2018 से, 1.5 बिलियन से ज्यादा लोगों ने बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण प्राप्त किया है.


2030 तक (SDG) होंगे पूरे


WHO की डेटा एनालिटिक्स और प्रभाव वितरण की सहायक डायरेक्टर जनरल समीरा अस्मा ने बताया कि प्रगति में तेजी लाए बिना, यह असंभव है कि 2030 तक स्वास्थ्य (SDG)   Sustainable Development Goals पूरे हो जाएंगे.