नई दिल्लीः Yashoda Jayanti 2024: माताओं के लिए यशोदा जयंती का पर्व बेहद खास होता है. इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और उनकी मंगल कामना के लिए व्रत करती हैं. यह त्योहार दक्षिण भारतीय राज्यों में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, यशोदा जयंती हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण की मैया यशोदा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. आइए जानते हैं, यशोदा जयंती की तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में:   


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यशोदा जयंती का शुभ मुहूर्त
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि प्रारंभ 1 मार्च सुबह 6 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और समाप्त 2 मार्च सुबह 7 बजकर 53 मिनट पर खत्म हो जाएगी. 
यशोदा जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजे से 11 बजे तक रहेगा.


यशोदा जयंती का महत्व
यशोदा जयंती भगवान कृष्ण की पालन माता यशोदा का जन्मदिन है. इस दिन माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और माता यशोदा की पूजा करती हैं. इस दिन माता यशोदा की पूजा करने से संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस त्योहार को पूरी दुनिया में वैष्णव परंपरा के लोग पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं.


यशोदा जयंती की पूजा विधि
यशोदा जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीला स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर में यशोदा और कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें. मूर्तियों को स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं. दीप प्रज्वलित करें और फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करें. यशोदा जयंती की कथा का पाठ करें. व्रत के दौरान फल खा सकते हैं.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.