नई दिल्लीः Govatsa Dwadashi 2022 ज्योतिष में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है. शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है. शनि के अशुभ होने पर जहां व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है तो वहीं शनि के शुभ होने पर व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है. आज गोवत्स द्वादशी भी है. इस दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है.


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आज का पंचांग
कार्तिक - कृष्ण पक्ष - द्वादशी तिथि 06.02 बजे तक, इसके उपरांत त्रयोदशी तिथि - शनिवार
नक्षत्र – पूर्वा फाल्गुनी
महत्वपूर्ण योग - ब्रह्म योग 05.12 बजे तक, इसके उपरांत इंद्र योग


चंद्रमा का सिंह के उपरांत कन्या राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 11.48 बजे से 12.34 बजे तक
राहु काल - 09.20 बजे से 10.46 बजे तक


सूर्योदय-सूर्यास्त का समय 22 अक्टूबर
सूर्योदय- सुबह 06 बजकर 26 मिनट
सूर्यास्त- शाम 06 बजकर 45 मिनट


त्योहार - गोवत्स द्वादशी, शनि का मकर में प्रवेश


गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आज मिट्टी के पात्र में खीर बनाकर उसे हरी घास से ढंक दें. सायंकाल के बाद उसे तिराहे पर रख दें. लौटते समय मुड़कर नहीं देखना है.


भविष्यवाणी (कल 23 अक्टूबर को शनि हो रहे है मकर राशि में मार्गी)
कल शनिदेव हो रहे है मकर राशि में मार्गी. शनि के मकर राशि में मार्गी होते ही कुछ राशि वालों पर होगा अच्छा प्रभाव.
मकर राशि के स्वामी भगवान शनिदेव स्वयं होते हैं. इस वजह से शनिदेव की विशेष कृपा मकर राशि वालों पर हमेशा रहती है.


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