Anant Chaturdashi 2022: हर कष्ट दूर करता है ये 14 गांठ वाला अनंत सूत्र, आज व्रत करने से होगा ये लाभ
Anant Chaturdashi 2022: इस दिन अनंत भगवान (भगवान विष्णु) की पूजा के पश्चात बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है. ये कपास या रेशम से बने होते हैं और इनमें चौदह गांठ होती हैं. कलाई पर बांधे गए इस धागे को ही अनंत कहा जाता है. इस धागे को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है.
नई दिल्ली: Anant Chaturdashi 2022 आज अनंत चतुर्दशी है. अनंत चतुर्दशी व्रत का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है, इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है. भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है.
आज बाजू पर बांधा जाता है अनंत सूत्र
इस दिन अनंत भगवान (भगवान विष्णु) की पूजा के पश्चात बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है. ये कपास या रेशम से बने होते हैं और इनमें चौदह गांठ होती हैं. इस दिन सूत या रेशम के धागे में चौदह गांठ लगाकर उसे कुमकुम से रंग कर पूजा करने के बाद कलाई पर बांधा जाता है. कलाई पर बांधे गए इस धागे को ही अनंत कहा जाता है. इस धागे को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है. इस धागे को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है.
इस तरह व्रत करने से होती है विष्णु लोक की प्राप्ति
भारत के कई राज्यों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन उपवास करने वाले व्यक्ति को जीवन के सभी दुखों से छुटकारा प्राप्त होता है और उसे जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति 14 सालों तक लगातार अनंत चतुर्दशी व्रत को करता है उसे विष्णु लोक की प्राप्ति हो जाती है.
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
मिट्टी के नौ छोटे-छोटे मिट्टी के पात्र लें और उसमें गाय का कच्चा दूध रखे. सभी पिंडों के समक्ष उस दूध के पात्र को रख देै. इसके बाद वट वृक्ष के पत्ते पर सभी पिंडों के समक्ष एक-एक बताशा अथवा सफेद बर्फी अर्पित करते हुए घी का दीपक प्रज्वलित करें.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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