नई दिल्ली. गोवर्धन पूजा को हमारे देश में दिवाली के अगले दिन एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस पूजा में श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। आपको बता दें कि इस दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से विशेष फल भी मिलता है। इस दिन गाय की पूजा का विशेष महत्व हैं. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान शिव माता पार्वती से जुए में हार गए थे इसलिए इसे जुआ प्रतिपदा भी कहा जाता है. इस दिन अन्न की पूजा करने के साथ कुछ बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. यहां हम आपको बताएंगे कि गोवर्धन पूजा में क्या करना चाहिए और क्या नहीं?


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इस दिन भूलकर भी बंद कमरे में गोवर्धन पूजा नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. इसके अलावा परिवार के सभी सदस्यों को मिलकर पूजा करनी चाहिए. माना जाता है कि अलग-अलग पूजा करना अशुभ फल देता है. गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा को बीच में अधूरा ना छोड़ें क्योंकि ऐसा करना बेहद अशुभ होता है.


ना पहनें इस रंग के कपड़े
सबसे पहले सुबह उठकर महिलाएं स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें क्योंकि गंदे कपड़े में पूजा करना अशुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन काले रंग के कपड़े भी ना पहनें. आप हल्के पीले या नारंगी रंग के कपड़े पहन सकते हैं.


गाय का दूध पीना है वर्जित
गोवर्धन पूजा में गाय की पूजा होती है इसलिए इन दिन गौ-दूध पीना वर्जित माना है. इस दिन गाय के गोबर या अन्न से पर्वत बनाकर पूजा की जाती है.


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