नई दिल्लीः Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी, ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू का त्योहार है. यह 14 फरवरी दिन बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन, भक्त मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करना चाहिए. ऐसे में आपको वास्तु के नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है जिससे आपको जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होगी.


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पूजा के लिए शुभ मुहूर्त:


पंचमी तिथि प्रारंभ: 13 फरवरी 2024 को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक
पंचमी तिथि समाप्त: 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक 
शुभ मुहूर्त: 14 फरवरी 2024 को सुबह 7 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35  मिनट तक  
अभिजित मुहूर्त: 14 फरवरी 2024 को सुबह 11 बजकर 52  मिनट से लेकर से 12 दोपहर बजकर 40 बजे तक


मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करने की दिशा:
पूर्व दिशा: यह ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक है.
उत्तर दिशा: यह समृद्धि और धन का प्रतीक है.
पश्चिम दिशा: यह सफलता और शक्ति का प्रतीक है.
दक्षिण दिशा: यह नकारात्मकता और अज्ञानता का प्रतीक है.


पूजा विधि:
मां सरस्वती की मूर्ति को स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं. उसके बाद फूल, फल, मिठाई और दीप अर्पित करें. मां सरस्वती की आरती करें और मंत्रों का जाप करें. इस दिन विद्यार्थी अपनी किताबें और पेन-पेंसिल मां सरस्वती के चरणों में रखकर उनसे ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें.


बसंत पंचमी के दिन कुछ विशेष कार्य:
सरस्वती पूजा को दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है. इस दिन लोग पतंग उड़ाते हैं और हवा में रंगों का उत्सव मनाते हैं.
 
यह भी ध्यान रखें:
पूजा करते समय मन को शांत रखें. सरस्वती मां के पूजा के बाद दान-पुण्य करें. मां सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करें. अपने जीवन में सफलता और खुशहाली प्राप्त कर सकते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)