नई दिल्ली: हर किसी की इच्छा होती है कि उनकी संतान अच्छी हो. माता-पिता की सारी बात मानें. यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आपकी संतान आपके प्रति अच्छी है या नहीं तो चाणक्य के पास जवाब है. चाणक्य नीति में बताया गया है कि एक अच्छी संतान कैसी होती है और उसमें कैसे गुण होते हैं. आइए, जानते हैं कि माता-पिता के लिए अच्छी संतान कौन है.


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विनम्र
अच्छी संतान वही है जो परिवार में माता-पिता समेत सभी परिजनों से विनम्रता से बात करे. सबकी बात को सुनकर समझे और अच्छी बातों पर अमल करे. चाणक्य के अनुसार, आज्ञाकारी संतान पाना बहुत बड़ी बात है और ऐसी संतान पूरे परिवार को सफल बना देती है.


शिक्षित
यदि आपकी संतान शिक्षा का महत्व जानती है और खुद शिक्षित है तो यह अच्छी बात है. ऐसा होने पर मां लक्ष्मी और मां सरस्वती की कृपा उस पर बनी रहेगी. पढ़-लिखकर संतान आगे नाम कमाएगी और माता-पिता का भी समाज में सम्मान बढेगा. यह सबके लिए सुखदायक होगा.


ज्ञानी
आचार्य चाणक्य के अनुसार ज्ञान हर तरह के अंधकार को दूर कर सकता है. जिस परिवार के बच्चे ज्ञानी होते हैं, वे अपनी मेहनत के दम पर मंजिल हासिल कर लेते हैं. ऐसे बच्चे अपने घर-परिवार का भी खूब नाम रोशन करते हैं. इसके आलाव समाज मे ये अपना स्थान स्वयं ही बीमा लेते हैं.


मृदुभाषी
संतान का मृदुभाषी होना बहुत जरूरी है. यदि संतान मृदुभाषी नहीं होगी और पूरे दिन कटु स्वर में ही जवाब देगी, तो मां-बाप को बहुत तकलीफ होगी. जबकि एक मृदुभाषी इंसान अपने शत्रु को भी मित्र बनाने की क्षमता रखता है. इसलिए जरूरी है कि संतान को मृदुभाषी ही बनाया जाए.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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