नई दिल्ली. आज देव दीवाली है. इस दिन को राक्षस त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत की खुशी में मनाया जाता है. आज के दिन मणिकर्णिका स्नान से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है हिंदू धर्म में मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने का बहुत महत्व है. यह घाट काशी का सबसे प्राचीन श्मशान घाट है. 


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माना जाता है कि इस घाट पर स्नान करने से व्यक्ति जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है. शिव की नगरी काशी में स्थित मणिकर्णिका घाट पर स्नान के लिए देश के कोने कोने से लोगों की भीड़ जमा होती है. आज ही के दिन इसी दिन भगवान विष्णु ने शिवजी को त्रिपुरारी नाम दिया था.


मणिकर्णिका घाट पर स्नान का महत्व
भगवान शिव जी आशीर्वाद दिया था कि जो भी इस घाट पर स्नान करेगा उसे जीवन के चक्र में मुक्ति मिलेगी और मोक्ष की प्राप्ति होगी. साथ ही संसार में रहते हुए उसे सभी सांसारिक सुख की प्राप्त होगी. इस घाट से कई पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हैं जो इसके महत्व का बखान करती हैं. मान्यता है कि काशी में मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने वाले को सीधे मोक्ष मिलता है.


शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा 2022 सोमवार, 7 नवंबर को शाम 4:15 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 8 नवंबर को शाम 4:31 बजे समाप्त होगी. वहीं, देव दीपावली 2022 का शुभ मुहूर्त 05 बजकर 14 मिनट अपराह्न से 07 बजकर 49 अपराह्न तक यानी कुल 02 घंटे 35 मिनट की अवधि.


दीपदान का महत्व
देव दिवाली के पावन अवसर पर स्नान का अधिक महत्व है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने को सबसे पवित्र माना गया है. इस दिन दीपदान करने को भी शुभ माना गया है. मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन दीपदान करता है उसे शत्रु का भय कभी नहीं सताता और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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