नई दिल्लीः Dhanteras 2024: धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस साल त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:32 बजे से 30 अक्टूबर दोपहर 1.16 बजे तक है. धनतेरस पर यमराज के लिए दीपदान से दीप जलाने की शुरुआत होगी. इस दिन खरीदे गए सोने या चांदी के धातुमय पात्र अक्षय सुख देते हैं. 


धनतेरस पर जलाया जाता है यमदीप


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ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस पर यमदीप भी प्रज्वलित किया जाता है. रोग, शोक, भय, दुर्घटना, मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस की शाम घर के बाहर यमदीप जलाने की परंपरा है. इसी दिन धन्वंतरि ने सौ तरह के मृत्यु की जानकारी के साथ अकाल मृत्यु से बचाव के लिए यमदीप जलाने की बात बताई थी.


जानें यमदीप जलाने की विधि


धनतेरस के दिन सायंकाल यमराज के निमित्त दीपदान करें. इसे 'यम दीपदान' कहा जाता है. घर के मुख्य द्वार के बाहर गोबर का लेपन करें. फिर मिट्टी के 2 दीयों में तेल डालकर प्रज्वलित करें. दीये प्रज्वलित करते समय 'दीपज्योति नमोस्तुते' मंत्र का जाप करते रहें और अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें. धनतेरस के दिन 'यम दीपदान' करने से घर-परिवार में किसी सदस्य की अकाल मृत्यु नहीं होती है.


क्षीर पकवान से लगाएं धन्वंतरि का भोग


इस दिन लक्ष्मी जी के स्वागत के लिए अपने घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने के साथ ही महालक्ष्मी के दो छोटे-छोट पद चिह्न लगाए जाते हैं. धनतेरस पर माता लक्ष्मी के अलावा धन्वंतरि, कुबेर जी की भी पूजा की जाती है. धन्वंतरि इसी तिथि को समुद्र मंथन से अवतरित हुए थे. प्राचीन काल में लोग इस दिन नए बर्तन खरीदकर उसमें क्षीर पकवान रखकर धन्वंतरि भगवान को भोग लगाते थे.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)


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