Diwali 2022: आज दीपावली, महालक्ष्मी पूजन, कमला जयंती और नरक चतुर्दशी है. शाम 5.27 बजे के बाद अमावस्या लगेगी और दिवाली मनाई जाएगी. आज नरक चतुर्दशी भी है, जो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला त्योहार है. इसे नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है.


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यमराज की पूजा का विधान
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है. नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय दीये जलाए जाते हैं. इस दिन यमराज की पूजा कर अकाल मृत्यु से मुक्ति और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की जाती है. इसके अलावा नरक चौदस के दिन प्रातः काल सूर्य उदय से पहले शरीर पर तिल्ली का तेल मलकर और अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियां पानी में डालकर स्नान करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है और मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति होती है.


आज का पंचांग
कार्तिक - कृष्ण पक्ष - चतुर्दशी तिथि 17.27 बजे तक, इसके उपरांत अमावस्या - सोमवार
नक्षत्र- हस्त नक्षत्र 14.42 बजे तक, इसके उपरांत चित्रा नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- वैधृति योग
चंद्रमा का कन्या के उपरांत तुला राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 11.48 बजे से 12.33 बजे तक
राहु काल - सुबह 07.56 बजे से 09.21 बजे तक.


त्योहार – दीपावली, महालक्ष्मी पूजन, कमला जयंती, काल रात्रि,  नरक चतुर्दशी, हनुमान जयंती, रूप चौदस


गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
मध्याह्न के समय हरसिंगार के पौधे की जड़ के पास सात मिट्टी का दीपक तिल के तेल मे प्रज्वलित करें और जलते हुए दीपक में एक-एक लौंग डाल दें.


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