नई दिल्ली: Diwali Puja Mantra: यदि आप भी दिवाली वाले दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो मंत्रों का जाप जरूर करें. मंत्रों के जाप से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. आइए, जानते हैं कि दिवाली पर मां लक्ष्मी के कौनसे 10 मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए.


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सबसे पहले पढ़ें ये मंत्र
जब बभी आप दिवाली की पूजा आरंभ करें, सबसे पहले भगवान गणेश के इस मंत्र के साथ शुरुआत करें.
”वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥


मां लक्ष्मी के 10 मंत्र, इन्हें जरूर पढ़ें


सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम ।
सर्वदेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम् ।।
ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ।।


क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा ।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः दूर्वां समर्पयामि ।



अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः ।
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः, अक्षतान समर्पयामि ।।


माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो ।
ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः, पुष्पमालां समर्पयामि ।।


त्नकंकणवैदूर्यमुक्ताहाअरादिकानि च ।
सुप्रसन्नेन मनसा दत्तानि स्वीकुरूष्व भोः ।
ॐ क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
अभूतिमसमृद्धि च सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः, आभूषण समर्पयामि ।।


दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं त्वतिमनोहरम् ।
दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके ।।
ॐ उपैतु मां देवसुखः कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मिन कीर्तिमृद्धि ददातु मे ।।


ॐ घृतं घृतपावानः पिबत वसां वसापावानः पिबतान्तरिक्षस्य हविरसि स्वाहा ।
दिशः प्रदिश आदिशो विदिश उद्धिशो दिग्भ्यः स्वाहा ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः, घृतस्नानं समर्पयामि ।


मंदाकिन्याः समानीतैर्हेमाम्भोरूहवासितैः ।
स्नानं कुरूष्व देवेशि सलिलैश्च सुगन्धिभिः ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः स्नानं समर्पयामि ।


तप्तकाश्चनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम् ।
अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम् ।।
ॐ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।
श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।


रक्तचंदनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम् ।
मया दत्तं महालक्ष्मी चंदनं प्रतिगृह्यताम् ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः, रक्तचंदनं समर्पयामि ।।


गणेश जी का मंत्र
सदबुद्धि प्रदान करते हैं और आपके जीवन के सभी विघ्न-बाधाओं को हर लेते हैं।
गणेश जी का मंत्र-ऊं एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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