भूलकर भी भगवान शिव को न चढ़ाएं ये 5 चीजें, वरना हो जाएगा अनर्थ
भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है. शिव तत्काल प्रसन्न होने वाले देवता है. जो भक्त सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी हो जाती हैं. भगवान शिव को बहुत सी ऐसी चीजें अर्पित की जाती हैं जो अन्य किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती.
नई दिल्ली. भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है. शिव तत्काल प्रसन्न होने वाले देवता है. जो भक्त सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी हो जाती हैं. भगवान शिव को बहुत सी ऐसी चीजें अर्पित की जाती हैं जो अन्य किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती. इसमें बेल पत्र, भांग, धतूरा, दूध, चंदन और भस्म शामिल है. हालांकि, कुछ ऐसी चीजें भ हैं जो भगवान भोलेनाथ को कभी भी नहीं चढ़ानी चाहिए.
तुलसी के पत्ते
मान्यता है कि तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है. देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं. इसलिए भी शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए.
केवड़ा और चंपा के फूल
भगवान शिव को सफेद फूल अधिक पसंद नहीं हैं. ऐसा कहा जाता है कि केवड़ा और चंपा के फूल भगवान द्वारा शापित हैं और उन्हें कभी भी पूजा के दौरान अर्पित नहीं करना चाहिए.
केसर या कुम कुम
शिवलिंग पर कभी भी केसर या कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए. भगवान शिव वैरागी हैं और वैरागी लोग अपने माथे पर भस्म लगाते हैं. यह सर्वविदित तथ्य है कि शिव भस्म लगाते हैं, कुमकुम नहीं.
संक्रमित बेल पत्र
बेल सबसे पवित्र पेड़ों में से एक है. इसमें बहुत सारे औषधीय गुण भी होते हैं. बेल पत्र भगवाल शुव को बेहद पसंद है, लेकिन कभी भी काटा या संक्रमित बेल पत्र भगवान पर नहीं चढ़ानी चाहिए.
शिवलिंग की परिक्रमा
शिवपुराण के अनुसार कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए. हमेशा आधा चक्कर लगाकर उसी स्थान पर वापस लौट जाना चाहिए जहां से शुरुआत की थी.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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