क्या सपने में दिखा चिड़िया का घोंसला? जानें आपके साथ अच्छा होगा या बुरा
Dream Science: अलग-अलग सपनों का अलग-अलग मतलब होता है. आप भी अपने सपने को लेकर कन्फ्यूज हैं? क्या आपको सपने में चिड़िया का घोसला दिखाई दिया? ज्योतिष शास्त्र में सपनों का अर्थ बताया गया है. जानिए आपके सपने के बारे में आचार्य विक्रमादित्य इस बारे में क्या बताते हैं.
नई दिल्लीः Dream Science: क्या आपको भी तरह-तरह के सपने आते हैं, जिसे लेकर आपके मन में ढ़ेर सारी उलझने पैदा होती हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि सपनों का कोई न कोई खास मतलब होता है. ज्योतिष शास्त्र में सपनों का अर्थ बताया गया है. ऐसे में आचार्य विक्रमादित्य बता रहे हैं कि यदि आपको सपने में चिड़िया का घोसला दिखाई दिया, तो इसके क्या संकेत हैं.
सपने में देखा चिड़िया का घोसला? जानें अर्थ
बहराइच से वालेंन्दु शर्मा लिखते हैं कि उन्होंने सपने में चिड़िया का घोसला देखा है. इसके क्या संकेत हैं? इस पर आचार्य विक्रमादित्य कहते हैं कि सपने में चिड़िया का घोसला देखना शुभ माना जाता है. यह आपके जीवन में बदलाव के संकेत हैं.
उन्होंने आगे बताया कि ऐसे सपने से इसकी संभावना बनती है कि आपका ठिकाना बदल सकता है. आने वाले समय में आप नये घर में प्रवेश कर सकते हैं. नया घर खरीद सकते हैं. इस सपने का सकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर पड़ेगा.
विशेष कार्य में बार-बार अड़चने आ रही है?
ज़ी हिन्दुस्तान के पास व्हाट्सऐप पर कई सारे प्रश्न आए हैं. ग्रेटर नौएडा से साक्षी गुप्ता लिखती हैं कि एक विशेष कार्य में बार-बार अड़चने आ रही है. क्या करें? इस पर आचार्य विक्रमादित्य कहते हैं कि गुरुवार के दिन एक पीले कपड़े पर आठ पीली कौड़ी, पांच तुलसी के पत्ते, रखें. पीली कौड़ी पर हल्दी का तिलक लगायें. और 108 बार ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः का उच्चारण के बाद इस कपड़े को लपेटकर भगवाण विष्णु के चरणों में अर्पित कर दीजिए. 5 गुरूवार यह कार्य लगातार करना है. इसका प्रभाव तुरंत आपके जीवन पर दिखेगा. विशेष कार्य में जो अड़चने आ रही है. वह धीरे-धीरे बंद हो जायेगी.
कुंडली में बृहस्पति और शुक्र एक साथ आ जाये तो?
प्रयागराज से रोहण त्रिपाठी लिखते हैं कि अगर कुंडली में बृहस्पति और शुक्र एक साथ आ जाये तो इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? इस पर आचार्य विक्रमादित्य कहते हैं कि अगर किसी जातक की कुडली में देवगुरू और दैत्यगुरु एक साथ आ जाये तो जातक अपने दुश्मनों को बुद्धि के बल पर परास्त कर देता है. वह अपने दुश्मनों को कभी अपने सामने सिर उठाने के लायक नहीं छोड़ता है. जातक अपने दुश्मनों को वह हाल करता है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां भी उससे डरने लगती है. गुरु और शुक्र के साथ आने से जातक में संहारक की प्रवृति बढ़ जाती है.
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