नई दिल्ली. Dussehra date 2022 दशहरा अश्विन महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस दिन भगवान राम ने राक्षस रावण का वध किया था तथा मां दुर्गा ने नौ दिनों से अधिक समय तक चले युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी. दशहरे के दिन हर साल रावण , कुंभकरण और मेघनाद का पुतला जलाया जाता है.


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दशहरा का समय और तारीख
इस साल दशहरा 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा और 26 सितंबर से शुरू हुए नवरात्रि उत्सव का समापन हो जाएगा. ज्योतिषियों के अनुसार, दशहरे की पूजा दोपहर 2 बजकर 7 मिनट से दोपहर 2 बजकर 54 मिनट के बीच की जा सकती है. वहीं, मूर्ति विसर्जन का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 16 मिनट से 8 बजकर 37 मिनट तक है.


राम लीला क्या है?
राम लीला, भगवान राम के जन्म से शुरू होकर रावण के वध तक का की कहानी है. दशहरा पापों या बुरे गुणों से छुटकारा पाने का भी प्रतीक है क्योंकि 10 सिर वाले रावण का प्रत्येक सिर एक बुरे गुण का प्रतीक माना जाता है. विजयदशमी के 20 दिन बाद दीवाली पड़ती है. इस दिन भगवान राम सीता माता को रावण की कैद से मुक्त कराके अयोध्या लौटे थें.


शुभ फल होता है प्राप्त 
दशहरे को पूरे भारत में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है.  देश के पूर्व और उत्तर-पूर्व में इसे दुर्गा पूजा या विजयदशमी कहते हैं, जबकि उत्तरी और पश्चिमी राज्यों में दशहरा कहा जाता है. मान्यता है कि दशहरे के दिन किए जाने वाले कामों का शुभ फल अवश्य प्राप्त होता है. यह भी कहा जाता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा करनी चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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