नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को मान-सम्मान, विवाह, भाग्य, आध्यात्म, संतान का कारक माना गया है. इसके साथ ही से ग्रह पुत्र, जीवनसाथी, धन-संपत्ति, शिक्षा और वैभव का कारक ग्रह माना गया गया. गुरु के स्वयं की राशि में मार्गी होना जातकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में, सभी तरह की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सहायक होंगे. 


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जो लोग विवाह के योग्य हैं और कोई नया कार्य या नया व्यापार शुरू करने वाले उनके लिए गुरू का मार्गी होना किसी तरह के वरदान से कम नहीं होगा. इससे अलावा जो लोग नौकरी की खोज में पिछले कई दिनों से प्रयासरत हैं उन्हें सफलता मिलेगी. सेहत के लिहाज से भी गुरु का स्वयं की राशि में मार्गी होना अच्छा संकेत है. गुरु का मार्गी होना कुछ राशियों के लिए उनके भाग्य में बढ़ोत्तरी प्रदान करेगा.


गुरु के मार्गी होने का राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव


मेष - खर्चे बढ़ेंगे. काम का दबाव.
वृषभ - आय में वृद्धि. वेतनवृद्धि या व्यापार में मुनाफा.
मिथुन- कार्यक्षेत्र में बदलाव. पदोन्नति के साथ स्थानांतरण.
कर्क- भाग्य का साथ. व्यापार में लाभ.
सिंह- अत्यधिक काम का दबाव, नौकरी में परेशानी.
कन्या- कार्यस्थल पर बर्ताव नकारात्मक.
तुला- नौकरी व करियर के लिहाज से कठिन.
वृश्चिक- नौकरीपेशा को मिलाजुला परिणाम. व्यापार आशाजनक लाभ नहीं.
धनु- नौकरी में तनाव. नौकरी बदलने की स्थिति.
मकर- नौकरी में समस्याएं, हालांकि समाधान भी आसानी से होगा. व्यापार लाभकारी.
कुंभ- सहकर्मियों व वरिष्ठों से सहयोग मिलेगा. व्यापार में मुनाफा.
मीन- आय में वृद्धि. व्यापार में नो प्रॉफिट और नो लॉस की स्थिति.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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