नई दिल्ली, Hariyali Teej 2024: सनातन धर्म में हरियाली तीज का बड़ा महत्व माना जाता है. इस साल हरियाली तीज व्रत 7 अगस्त बुधवार को रखा जाएगा.  इस दिन भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा की जाती है. हरियाली तीज का व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है. पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए सुहागिन यह व्रत रखती हैं. 


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हरियाली तीज का व्रत...
हरियाली तीज पर सिर्फ व्रत रखना है नही बल्कि इस दिन झुला झूलने का भी बड़ा महत्व माना गया है. शास्त्र की जानकारी के मुताबिक तीज पर जो महिलाएं झुला नहीं झूलती हैं, उनका व्रत अधूरा रहता है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आखिर हरियाली तीज पर झूले खुलने का क्या व्रत से क्या संबंध है. आइए बिना किसी देरी किए जानते हैं विस्तार से...


क्या कहते हैं शास्त्र?
शास्त्र की जानकारी के मुतबिक हरियाली तीज के दिन झुला झूलना इस व्रत का अभिन्न हिस्सा माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि झुला झूलने से महिलाओं को बहुत ही आनंद आता है. इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि झूला झूलना समरसता और प्रसन्नता का चिन्ह होता है. व्रत के दौरान महिलाओं का झुला झूलना सुख और मुराद की कामना में सहायक होता है.
 
अधूरा रहता है हरियाली तीज का व्रत 
शास्त्र के अनुसार हरियाली तीज पर महिलाओं का झुला झूलना सांस्कृतिक परंपरा के साथ-साथ आध्यात्मिक महत्व भी माना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है, जो सुहागिन हरियाली तीज का व्रत रखती हैं उनको झुला झूलने में बड़ा ही आनद आता है. इसके अलवा झुला झूलने से महिलाओं को अपना ध्यान केन्द्रित करने में मदद मिलती है. इसलिए ही सुहागिनों का हरियाली तीज का व्रत बिना झूला झूले अधूरा माना जाता है.

Disclaimer
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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