Hartalika Teej 2022: आज महिलाएं रखेंगी हरतालिका तीज व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त
Hartalika Teej 2022: आज हरतालिका तीज है. हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की रक्षा और लंबी उम्र के लिए यह व्रत करती हैं. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है.
नई दिल्ली: Hartalika Teej 2022: आज हरतालिका तीज है. हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की रक्षा और लंबी उम्र के लिए यह व्रत करती हैं. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है.
वहीं, आज भाद्रपद महीने की चतुर्थी तिथि है और ऐसी मान्यता है कि आज चांद नहीं देखना चाहिए. इससे जीवन में कलंक लगते हैं. समाज-परिवार में बेवजह बदनामी होती है. इसके पीछे एक पौराणिक धार्मिक घटना है.
गणेश पुराण में बताया गया है कि भगवान गणेश ने चंद्रमा को शाप दिया है कि जो भी मनुष्य भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि को चांद को देखेगा उस पर झूठा कलंक यानी मिथ्या आरोप लगेगा. चतुर्थी तिथि शुरू होने से लेकर खत्म होने तक चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए.
वराह रूप में भगवान ने लिया था जन्म
वराह जयंती त्योहार भगवान विष्णु के तीसरे अवतार का जन्म उत्सव मनाने के लिए होता है. दुनिया को बुराई से बचाने के लिए देवता ने वराह के रूप में पुनर्जन्म लिया. अपने पुनर्जन्म का उद्देश्य धरती पर धर्म बहाल करना और निर्दोष लोगों को असुर और राक्षसों जैसे विभिन्न बुरी ताकतों से बचाने के लिए था. वराह जयंती की पूर्व संध्या पर कई अनुष्ठान होते हैं.
हिरण्याक्ष नामक दैत्य का किया था वध
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को वराह जयंती का पर्व मनाया जाता है. भगवान विष्णु ने इस दिन वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष नामक दैत्य का वध किया था.
वराह जयंती उपवास करने वाले भक्तों को वराह जयंती की पूर्व संध्या पर जरूरतमंद लोगों को कपड़े और पैसा दान करने की आवश्यकता होती है. जैसा कि माना जाता है कि जरूरतमंदों को चीजों की पेशकश भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करती है.
आज का पंचांग
भाद्रपद - शुक्ल पक्ष- तृतीया तिथि - मंगलवार
नक्षत्र - हस्त नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग - शुभ योग
चंद्रमा का कन्या राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 12.02 बजे से 12.52 बजे तक
राहु काल- 03.35 बजे से 05.09 बजे तक
त्योहार - वराह जयंती, हरतालिका तीज, कलंक चतुर्थी, पत्थर चौथ
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
एक साबुत पान के पत्ते पर एक लाल पुष्प और शहद में डुबोकर दो इलाचयी माता लक्ष्मी को अर्पित करें और अपनी मनोकामना का स्मरण करें.
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