Indira Ekadashi 2024: हिंदुओं में एकादशी का अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और भक्त इस दिन भगवान को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखते हैं. एकादशी महीने में दो बार आती है और इस बार इंदिरा एकादशी आश्विन माह में मनाई जा रही है और इस एकादशी की सबसे खास बात यह है कि यह पितृ पक्ष के दौरान पड़ रही है.


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इंदिरा एकादशी व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानि 28 सितंबर 2024 को रखा जाएगा. लेकिन वृंदावन-बरसाना व हरिद्वार में कब है? दरअसल कई बार देखा गया है कि वृंदावन व बरसाना के संतजनों के आश्रम व मंदिरों में भी एकादशी की तारीख एक दिन आगे हो जाती है, जैसे अजा एकादशी पिछले महीने 29 अगस्त की थी, लेकिन वृंदावन में 30 अगस्त को इसका व्रत रखा गया था. तो क्या इस बार भी ऐसा है? आइए जानते हैं.


जी नहीं, इस बार इंदिरा एकादशी सब जगह 28 सितंबर की ही रहेगी. इंदिरा एकादशी का व्रत 28 तारीख यानी शनिवार को रहेगा. हरिद्वार श्री भगवद् धाम आश्रम में इंदिरा एकादशी शनिवार 28 सितंबर को मनाई जाएगी.


इसके अलावा श्री मलूकपीठ में भी 28 सितंबर शनिवार को इंदिरा एकादशी है. इसी दिन व्रत रखा जाएगा. श्री राजेन्द्र दास जी महाराज के इंस्टाग्राम पेज पर दी गई जानकारी के अनुसार, पारण का समय अगले दिन (रविवार) सूर्योदय के पश्चात रहेगा.


इसके अतिरिक्त श्री श्री 108 श्री विनोद बाबा जी महाराज(बरसाने वाले) के प्रिया कुंज आश्रम में भी इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर को ही रखा जाएगा. बाबा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पारण समय मथुरा में 29 सितंबर को प्रात: 6 बजकर 14 मिनट से 9 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. वहीं, कोलकाता में प्रात: 5 बजकर 31 मिनट से लेकर 9 बजकर 29 मिनट (29 सितंबर) तक रहेगा.


राधा रमण मंदिर में कब है एकादशी?
आपको बता दें कि वृंदावन स्थित ठाकुर श्री राधा रमण मंदिर में भी एकादशी 28 तारीख को है. इसी दिन व्रत रखा जाएगा. मंदिर से जुड़े एक भक्त ने यह जानकारी दी.


Indira Ekadashi 2024: एकादशी पर क्या करें?
-सुबह जल्दी उठें, पवित्र जल से स्नान करें.
-भगवान विष्णु को फूल, माला, चंदन का तिलक, तुलसी पत्र चढ़ाएं और देसी घी का दीया जलाएं.
-भगवान विष्णु को पंचामृत, तुलसी पत्र, फल और मखाना खीर (या कोई अन्य घर का बनी मिठाई) का भोग लगाएं.
-'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें, अजा एकादशी कथा का पाठ करें. पूरे दिन विष्णु महामंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
-द्वादशी तिथि को दूध से बनी चीजें और फलों के साथ या चावल और नमकीन खाद्य पदार्थों के साथ पारंपरिक रूप से एकादशी व्रत खोलें.
-आरती करें और प्रत्येक परिवार के सदस्य को पंचामृत दें.


एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
1. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय..!!
2. हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे..!!


नोट- यह जानकारी वृंदावन, बरसाना व हरिद्वार जैसे संत महात्माओं के गढ़ से कुछ संतजनों से मिली जानकारी पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में जाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.