नई दिल्ली: इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) 29 अक्टूबर को है. इससे पहले 5 मई को चंद्र ग्रहण बीता है. लेकिन आमतौर पर हमारे घरों में कहा जाता है कि गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) नहीं देखना चाहिए. साथ ही कुछ अन्य बातों का भी खास ध्यान रखने के लिए कहा जाता है, ताकि गर्भ में शिशु पर कोई बुरा असर न पड़े. आइए, जानते हैं कि शास्त्रों में गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान कौनसे नियमों की पालना के लिए कहा गया है.  


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ग्रहण के समय बाहर न निकलें 
शास्त्रों में लिखा है कि चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिला को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. न ही गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण देखना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से मां और बच्चे, दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. 


ग्रहण के दौरान भोजन न करें 
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को भोजन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से ग्रहण का उन पर दुष्प्रभाव पड़ता है. साथ ही भोजन भी ग्रहण के कारण दूषित हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि इस दौरान आप खाने की बजाय फलों का सेवन करें. ध्यान रहे, बिना धोए फल भी बिलकुल न खाएं. 


नुकीली चीजों से दूर रहें 
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण लगने के दौरान नुकीली चीजों का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए. जैसे- चाकू, कैंची, सुई आदि से दूर ही रहें. शास्त्रों के मुताबिक, इससे होने वाले बच्चे को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. 


भोजन में तुलसी के पत्ते डालें
जब भी भोजन करें, उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें. भोजन ग्रहण के पहले या बाद ही करें. ग्रहण के दौरान महिलाओं को कीर्तन करते हुए भगवान का नाम लेना चाहिए. ग्रहण समाप्त होने पर स्‍नान करें. 


 


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