नई दिल्ली: मानसरोवर झील और राक्षसताल झील दोनों ही कैलाश की प्रसिद्ध झील है. अगर आप कैलाश मानसोवर की यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं तो इन झीलों को जरूर घूमें क्योकिं इससे जुड़े बहुत से रहस्य आपके सफर का रोमांच दुगना कर देगें. मानसरोवर झील हिंदुओं के अलावा बौद्ध और जैन धर्म के लिए भी विशेष है. इस झील पर कई मठ भी है जो तिब्बत के स्थानीय निवासियों द्वारा बनाये गये है, और भी ऐसी कई बाते आज हम आपको बताएंगे, जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे


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मानसरोवर झील


कैलाश के मानसरोवर मे बसी झील को मानसरोवर झील या दया की झील भी कहा जाता है. मानसरोवर झील तिब्बत के हिमालय की झीलों में से सबसे बड़ी झील हैं.  यह झील लगभग 380 वर्ग किलोमीटर में फैली है. इस झील का पानी मीठा , नीला और साफ है वही इसका तल रेतीला है. मानसरोवर झील बर्फीलें पहाड़ों से घिरी हुई है और इसे गंगा नदी से जोड़ कर भी देखा जाता है . इस झील के ईद – गिर्द बहुत सी कहानियां बुनी हुई है. कहा जाता है कि यह देवी पार्वती का स्नान स्थल था. 


झील में नहाने से धूल जाते हैं पाप


हिंदुओं का मानना है कि झील में नहाने से पाप धुल जाते और वे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और बौद्धों का मानना है कि मानसरोवर झील पर ध्यान करने से ज्ञान प्राप्ति होती है . कैलाश के पर्यटको और निवासियों की माने तो यह झील अपना रंग पल-पल बदलती है. इस झील से ही पंजाब की सतलज नदी और असम की ब्रह्मपुत्र नदी निकलती है. इस झील को  बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी अपने - अपने धर्म के दार्शनिकों से जोड़ कर देखते हैं. हर साल हजारों की तादाद में लोग यहां घूमने आते है.


राक्षसताल झील
मानसरोवर झील के बिल्कुल पास बसी झील राक्षसताल झील या रावण ताल झील भी बहुत रोमांचक है. मानसरोवर झील के करीब होने के बाद भी इस झील का पानी खारा, हरा और चट्टानी तल है. इस झील का पानी इतना खारा है कि इसमें मछलियां भी नही रहती. वैज्ञानिक भी इस रहस्य को आजतक समझ नही पायें है कि दोनों झील इतनी पास होने के बावजूद इतनी अलग कैसे है. यह  झील लगभग 150 वर्ग किलोमीटर में फैली है. यह झील बंजर पहाड़ों से घिरी हुई है 


हिंदू और बौद्ध धर्म में है इसका जिक्र


वही हिंदू धर्म के लोग इस झील को राक्षसों से जोड़ कर देखते हैं. दूसरी ओर मानसरोवर झील का पानी राक्षसताल झील में बहता है, लेकिन राक्षसताल झील का पानी वापस मानसरोवर झील में नहीं जाता है. राक्षसताल झील को लेकर बौद्धों का मानना है कि झील लालच का घर है. वही हिंदुओं का भी मानना है कि यह झील राक्षस रावण का घर है.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.


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