नई दिल्लीः Jyotish: कई लोग काफी पूजा-पाठ करते हैं. भगवान को प्रसन्न करने के लिए लंबी-लंबी पूजाएं करते हैं. इसके बाद भी उनकी शिकायत रहती है कि उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा है, बल्कि नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में जानिए अधिक पूजा करने से नुकसान होता है या फायदा?


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पूजा-पाठ की होती है निश्चित अवधि
दरअसल, पूजा-पाठ की एक निश्चित अवधि होती है. अगर कोई व्यक्ति निश्चित समय और अवधि में पूजा-पाठ करता है तो उसको इसका सकारात्मक फल मिलता है. पूजा-पाठ अपनी बात परमात्मा तक पहुंचाने का एक माध्यम है.


लोग नहीं झेल पाते हैं अधिक ऊर्जा
यही नहीं पूजा-पाठ से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक में बदल जाती है, लेकिन जब कोई पूजा-पाठ काफी लंबे समय तक करने लगता है, नियम के विरुद्ध चलने लगता है तो आस-पास की ऊर्जा उस पर इतनी हावी हो जाती है कि वह उसे झेल पाने में सक्षम नहीं होता है.


मानसिक रोगी भी बन सकते हैं
इससे उसको नुकसान भी उठाना पड़ता है. वह मानसिक रोगी भी बन सकता है. उसमें विरक्ति का भाव उत्पन्न होने लगता है. उसका सारा ध्यान परमात्मा की ओर चला जाता है और वह पारिवार में सामंजस्य बिठाने में असमर्थ हो जाता है. फिर जातक अलग ही राह पकड़ लेता है.


अत्यधिक पूजा उचित नहीं है
यह तब होता है जब कोई जातक अत्यधिक पूजा पाठ में लीन हो जाता है, जो नियमतः भी उचित नहीं है. प्रतिदिन धार्मिक कर्मकांड की एक निश्चित अवधि होती है. अगर कोई उससे बाहर जाकर कर्मकांड करता है तो पूजा पाठ का फल नहीं मिलता है. उसका किसी न किसी रूप में नुकसान भी उठाना पड़ जाता है.


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