तुलसी माला धारण करते समय इन बातों का अवश्य रखें ध्यान, अन्यथा कभी नहीं होगा लाभ
Tulsi Mala Benefits: सनातन धर्म में तुलसी का बहुत महत्व माना जाता है. तुलसी को केवल एक पौधा नहीं बल्कि देवी का दर्जा दिया गया है. तुलसी का पौधा बहुत ही पवित्र और पूजनीय है. तुलसी न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि आयुर्वेद में भी तुलसी को बहुत फायदेमंद बताया गया है.
नई दिल्ली: सनातन धर्म में तुलसी का बहुत महत्व माना जाता है. तुलसी को केवल एक पौधा नहीं बल्कि देवी का दर्जा दिया गया है. तुलसी का पौधा बहुत ही पवित्र और पूजनीय है. तुलसी न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि आयुर्वेद में भी तुलसी को बहुत फायदेमंद बताया गया है.
हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा तो की ही जाती है, इसके साथ ही लोग तुलसी माला से जाप करने के साथ इसको भी धारण करते हैं. जिस घर में तुलसी लगी होती है और नियमित रूप से उसे सींचा और पूजा जाता है, वहां सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है. मान्यता है कि ऐसे घरों पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाते हैं. जिस तरह से तुलसी लगाने के फायदे हैं उसी तरह से तुलसी की माला पहनने के भी कई फायदे होते हैं. जानते हैं कि तुलसी माला पहनने क्या धार्मिक और स्वास्थ्य लाभ होते हैं.
दो तरह की होती हैं तुलसी माला
तुलसी आमतौर पर 2 तरह की होती है, श्यामा तुलसी और रामा तुलसी. दोनों ही तरह की तुलसी की माला मिल जाती हैं. दोनों ही मालाओं को पहनने के अलग-अलग लाभ होते हैं.
श्यामा तुलसी की माला पहनने के लाभ
श्यामा तुलसी के बीजों की बनी माला पहनने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और मन सकारात्मकता बढ़ती है. तुलसी माला धारण करने से व्यक्ति के मन में भगवान के प्रति श्रद्धाभाव बढ़ता है. इससे न केवल आध्यात्मिक बल्कि पारिवारिक और आर्थिक लाभ भी प्राप्त होते हैं.
रामा तुलसी की माला पहनने के लाभ
रामा तुलसी की माला धारण करने से व्यक्ति में सात्विक भावनाएं जाग्रत होती हैं और उसके आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है. व्यक्ति अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए अग्रसर होता है. तुलसी की माला पहनने से मन शांत रहता है.
विष्णु भक्तों के लिए तुलसी माला महत्वपूर्ण
पौराणिक कथा के अनुसार तुलसी को वरदान है कि भगवान विष्णु केवल तुलसी के पत्तों को अर्पण वाली चीजों का प्रसाद ग्रहण करते हैं. उसी तरह जिन लोगों ने तुलसी माला धारण किया होता है, भगवान विष्णु उस व्यक्ति को अपनी शरण में ले लेते हैं. तुलसी की कंठी माला धारण करने से व्यक्ति को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है.
तुलसी माला धारण करने के नियम
तुलसी माला धारण करने से पहले उसे दूध और गंगाजल से धोकर मंदिर में रखें.
अब भगवान श्री हरि विष्णु या कृष्ण जी की पूजा करने के बाद इसे धारण करें.
तुलसी माला पहनने के बाद लहसुन प्याज का सेवन न करें.
तुलसी माला के साथ कभी भी रुद्राक्ष की माला नहीं पहननी चाहिए.
तुलसी माला धारण करने वालो को किसी भी प्रकार से मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
तुलसी माला पहनकर शौचालय नहीं जाना चाहिए, इसके साथ ही तुलसी माला पहनकर प्रणय संबंध भी नहीं बनाने चाहिए.
कभी भी गंदे हाथों से तुलसी की माला नहीं छूना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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