ज्योतिष शास्त्र के अनुसार का ग्रहों का हमारे शरीर के विभिन्न अंगों से संबंध होता है. ऐसा माना जाता है कि यदि किसी ग्रह की स्थिति कुंडली में ठीक नहीं है तो वह व्यक्ति विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि फेफड़ों या श्वसन अंगों में होने वाली बीमारियों का संबंध चंद्रमा से होता है. इसके अलावा चंद्रमा के दुष्प्रभाव का सामना करने वाले जातक को खांसी और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो स कती हैं. आइए जानते हैं कि कौन सा ग्रह किस तरह की स्वास्थ्य समस्या के लिए जिम्मेदार होता है.


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सूर्य
सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है. यदि सूर्य अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को आंखों और मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं होती हैं. कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित करें.


मंगल
मंगल ग्रह का रक्त संबंधी रोगों से सीधा संबंध होता है. इसलिए यदि आपकी कुंडली में मंगल खराब स्थिति में है या अशुभ स्थिति में है तो यह रक्त संबंधी समस्याओं का सामना के लिए जिम्मेदार होता है. कुंडली में मंगल को मजबूत करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें.


बुध
बुध ग्रह का संबंध त्वचा रोगों से है. यदि बुध कमजोर हो तो जातक को त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. बुध से शुभ फल पाने के लिए और इस ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए गाय को हरा चारा खिलाएं.


बृहस्पति
बृहस्पति ग्रह मोटापे के लिए जिम्मेदार होता है. यदि कुंडली में ग्रह कमजोर है तो व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त होगा और पेट के रोग होंगे. बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए.


शुक्र
शुक्र ग्रह संतोष और समृद्धि का कारक है. यदि शुक्र अशुभ स्थिति में है तो यह कई यौन रोगों को जन्म दे सकता है. शुक्र ग्रह की मजबूती के लिए जातकों को सफेद रंग की मिठाई कन्याओं को बांटनी चाहिए.


शनि
यदि शनि कमजोर है तो व्यक्ति को शरीर में दर्द, थकान, चोट आदि का सामना करना पड़ सकता है. शनि ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए जातकों को शनिवार के दिन शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए.


राहु
यदि किसी की कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में है तो जातक को नियमित अंतराल पर बुखार आता रहेगा. यदि आप राहु से प्रभावित व्यक्ति जैसे कुष्ठ रोगी, गरीब, सफाई कर्मचारी, या किसी व्यक्ति को भोजन कराते हैं तो आप पर राहु की कृपा अवश्य होगी.


केतु
यदि कुंडली में केतु कमजोर हो तो व्यक्ति को हड्डियों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए आपको बस इतना करना है कि अपने से बड़ों और परिवार के सबसे बड़े लोगों की सेवा करें. साथ ही कुत्ते को चीनी की रोटी खिलाएं.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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