नई दिल्लीः आज की तारीख में कई लोग विवाहेतर संबंध बनाने में गुरेज नहीं कर रहे हैं. इसके पीछे कई तरह की वजहें बताई जाती हैं. लेकिन, ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से देखें तो कई लोग अपनी कुंडली की ग्रह चाल की वजह से शादी के बाद अवैध संबंध बनाते हैं. वहीं, कुछ की कुंडली की ग्रह चाल बहुविवाह की ओर भी इशारा करती है. ऐसे में जानिए कुंडली और शादी के बाद अवैध संबंधों के बीच का संबंधः


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जानिए कब मिलता है बहुविवाह का इशारा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि कुंडली के दशम भाव में वृष या तुला राशि हो व शुक्र, शनि, बुध ग्रह भी उसी भाव में हो तो विवाहेतर संबंध के योग बनते हैं. इसके अतिरिक्त सप्तम भाव में मंगल और शुक्र की युति भी एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स को दिखाती है. वहीं, शुक्र व बुध की युति दशम भाव या लग्न भाव में होने से बहुविवाह का इशारा मिलता है.


ऐसे जातकों के भी मिलते हैं एक से ज्यादा शादी के संकेत
इसके अलावा कुंडली में चंद्र और शनि की युदि सप्तम भाव में होने से भी जातक के एक से ज्यादा शादी के संकेत मिलते हैं. यह शुभ संकेत भी नहीं है. इसी तरह कुंडल में शुक्र व बुध की दशम भाव में युति भी एक से अधिक विवाह का संकेत देती है.


एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर करते हैं ऐसी कुंडली वाले जातक
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सप्तम भाव में सूर्य, शनि, शुक्र, मंगल व चंद्रमा के साथ होने और अशुभ ग्रहों की दृष्टि से एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर होने का संकेत मिलता है, लेकिन इसमें जातक अपनी जीवनसाथी की सहमति से विवाहेतर संबंध बनाता है. सप्तमेश व्यय भाव में हो तो भी जातक एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर बनाता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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