Facts about Direction: घर की इस दिशा में होता है महादेव का वास, वहां बैठकर मांस-मछली तो क्या लहसुन का भी नहीं करना चाहिए सेवन
Shiv Blessing: सनातन धर्म में हर दिशा का अपना अलग महत्त्व होता है. चारों दिशा में कोई न कोई देवता वास करते हैं. इसी इ से एक दिशा है ईशान कोण, जिसे ईशान दिशा भी कहते हैं. हिंदू धर्म में ईशान दिशा का सबसे बड़ा महत्व होता है क्योंकि यह दिशा `भगवान शिव की दिशा` कहलाती है. आइए जानते हैं ईशान दिशा के बारे में विस्तार से...
नई दिल्ली,Lord Shiva Blessing: सनातन धर्म में हर दिशा का अपना अलग महत्त्व होता है. चारों दिशा में कोई न कोई देवता वास करते हैं. इसी इ से एक दिशा है ईशान कोण, जिसे ईशान दिशा भी कहते हैं. हिंदू धर्म में ईशान दिशा का सबसे बड़ा महत्व होता है क्योंकि यह दिशा "भगवान शिव की दिशा" कहलाती है. आज हम आपको इस आर्टिकल में ईशान कोण यानी कि ईशान दिशा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे. आइए बिना किसी देरी किए जानते हैं ईशान कोण का महत्व...
क्या है ईशान दिशा का महत्व?
महादेव ईशान कोण में विराजमान है. शास्त्र की जनकारी के मुताबिक कैलाश मानसरोवर पर्वत को ईशान कोण कहा गया है. इसी तरह घर के ईशान कोण में भी महादेव बैठते हैं, ईशान दिशा को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए.
ईशान का अर्थ होता है "भगवान शिव की दिशा". यह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिशा है, जो उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित है. ईशान दिशा को भगवान शिव की दिशा माना जाता है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं. ईशान दिशा को बहुत पवित्र माना जाता है, और इस दिशा में बैठकर पूजा-पाठ और ध्यान करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
ईशान दिशा को ज्ञान और आध्यात्मिक विकास की दिशा भी माना जाता है, इसलिए इस दिशा में बैठकर अध्ययन और ध्यान करने से ज्ञान और आध्यात्मिक विकास में मदद मिलती है. ईशान दिशा को शुभ दिशा भी माना जाता है, इसलिए इस दिशा में बैठकर काम करने से सफलता और सुख प्राप्त होता है.
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यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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