नई दिल्ली: अगर अगर किसी जातक के ओठ और नासिका नली के बीच तिल का निशान हो तो जातक हमेशा किसी न किसी परेशानी से घिरा रहता है. जातक के जीवन में दुख का अंत ही नहीं होता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अनैतिक मांगों को भी पूरा करता है ऐसा जातक


ऐसे जातक अपने कार्यक्षेत्र में किसी बड़ी साजिश का शिकार बन जाता है. और उसके बचाव में और भी कई गलत कार्य करने लगता है. या कह सकते हैं परिस्थितियों का मारा ऐसा जातक किसी का मोहरा बन जाता है. वह अनैतिक मांगों को भी पूरा करने का प्रयास करता है.


मूल नक्षत्र में जन्मे बालक का कैसा होता है स्वभाव


यदि किसी जातक का जन्म मूल नक्षत्र में हुआ है तो ऐसे बालक अन्य की तुलना में अलग विचारों के होते हैं. ये तेजस्वी, यशस्वी होते हैं परंतु यदि वह अशुभ प्रभाव में हो तो इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला बालक क्रोधी और ईर्ष्यालु स्वाभाव का होता है. इसके साथ ही ऐसे जातकों की सेहत भी अच्छी नहीं होती है. मूल नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है तो वहीं राशि स्वामी गुरु है, इसलिए इस नक्षत्र में जन्में जातको पर जीवन भर गुरु और केतु दोनों का प्रभाव रहता है. यदि केतु नकारात्मकता को जन्म देता है तो गुरु के कारण जीवन में सकारात्मकता का आगमन होता है. इस नक्षत्र में जन्में जातक कठिन से कठिन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भी अपनी पूरी ऊर्जा लगा देते हैं. ये लोग दृढ़ विचारों वाले होते हैं और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके रखते हैं.



यह भी पढ़िए: आज का राशिफल: सिंह के पक्ष में हैं ग्रह, जानिए वृषभ, मिथुन, कर्क, वृश्चिक का कैसा रहेगा रविवार


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.