कुंभ राशि में होगा चंद्रमा का संचरण, पंचांग में जानिए आज का महत्वपूर्ण योग और नक्षत्र
Aaj Ka Panchang: आज रविवार है. सूर्य देव यानी कलयुग के एकमात्र दृश्य देव, जिन्हें ग्रहों का राजा भी माना गया है. वहीं आदि पंच देवों में भी इनका स्थान है. हिंदू धर्म में सूर्य देव का विशेष महत्व माना जाता है.
नई दिल्लीः Aaj Ka Panchang: आज रविवार है. सूर्य देव यानी कलयुग के एकमात्र दृश्य देव, जिन्हें ग्रहों का राजा भी माना गया है. वहीं आदि पंच देवों में भी इनका स्थान है. हिंदू धर्म में सूर्य देव का विशेष महत्व माना जाता है.
नवग्रहों के राजा हैं सूर्य
वैदिक ज्योतिष में सूर्यदेव का विशेष महत्व होता है. आदिकाल से ही भगवान सूर्य की उपासना होती चली आ रही है. सूर्य समस्त लोकों में ऊर्जा के केंद्र माने गए हैं. सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता माना गया है, क्योंकि उनके दर्शन हमें प्राप्त होते हैं. मान्यता है कि सूर्य की उपासना करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा गया है.
शीघ्र फलदायक मानी जाती है सूर्य उपासना
जातक की कुंडली में सूर्यदेव का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह मनुष्य के जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं. प्रत्यक्ष देवता सूर्य की उपासना शीघ्र ही फल देने वाली मानी गई है, जिनकी साधना स्वयं प्रभु श्री राम ने भी की थी. विदित हो कि प्रभु श्रीराम के पूर्वज भी सूर्यवंशी थे. भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब भी सूर्य की उपासना करके ही कुष्ठ रोग दूर कर पाए थे. ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना गया है.
सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में रहती है शांति
सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा और ईश्वर का नेत्र बताया गया है. सूर्य को जीवन, स्वास्थ्य और शक्ति के देवता के रूप में मान्यता है. मान्यता के अनुसार सूर्यदेव की साधना से न सिर्फ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, बल्कि आरोग्य भी प्राप्त होता है.
आज का पंचांग
श्रावण - कृष्ण पक्ष - चतुर्थी तिथि - रविवार
नक्षत्र - शतभिषा नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग - सौभाग्य योग
चंद्रमा का कुंभ राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 12.06 बजे से 12.59 बजे तक
राहु काल- 05.31 बजे से 07.17 बजे तक
त्योहार - कल रात्रि को ही सूर्य का परिवर्तन हुआ. शनिवार को सूर्य कर्क राशि में आए. इस वर्ष शनि बहुत बड़ा खेल करने वाले हैं. शनिवार को ही वर्ष का आरंभ हुआ. शनिवार को ही संवत का आरंभ और अब कर्क और आने वाली मकर संक्रांति भी शनिवार को होगी.
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
तांबे का एक चौकोर टुकड़ा, आक के पौधे की जड़, सात मुट्ठी साबूत चावल, लाल वस्त्र में लपेटकर सायंकाल से पहले देवी मंदिर के प्रांगण में नीम अथवा आवलें के वृक्ष की टहनियों में एक मनोकामना का स्मरण करते हुए बांध दीजिए.
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