Nadi Dosh Upay हिंदू धर्म में कुंडली का महत्व बेहद अधिक है. शादी से पहले वर और वधू की कुंडली का मिलान किया जाता है ताकि यह पता चल सके कि वे एक-दूसरे के अनुकूल हैं या नहीं. ज्योतिष के अनुसार, सुखी वैवाहिक जीवन के लिए नाड़ी का मिलान होना बहुत महत्वपूर्ण है. कुंडली में नाड़ी दोष को अशुभ माना जाता है. कुंडली में नाड़ी दोष होने पर वर-वधु को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.


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ज्योतिष के अनुसार, नाड़ी तीन प्रकार की होती है. आदि नाड़ी, मध्य नाड़ी और अंत्या नाड़ी. प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली में किसी विशेष नक्षत्र में चंद्रमा की उपस्थिति उस व्यक्ति की नाड़ी को बताती है. स्त्री और पुरुष की कुण्डली में चन्द्रमा के अश्विनी नक्षत्र में होने पर नाड़ी दोष बनता है.


नाड़ी दोष के प्रभाव
नाड़ी दोष के कारण गर्भ धारण करने में कठिनाई हो सकती है या बच्चा असामान्य पैदा हो सकता है. इसके अलवां वैवाहिक संबंध लंबे समय तक नहीं चल पाता या तलाक की नौबत आ जाती है. इस दोष के कारण वर-वधू में से एक या दोनों की मृत्यु जैसी विपत्तियों का सामना तक करना पड़ सकता है.


नाड़ी दोष को कम करने के उपाय
महामृत्युंजय मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है. इसका जाप नाड़ी दोष को दूर करने के लिए बहुत ही प्रभावी माना जाता है. 
नाड़ी दोष को दूर करने के लिए नाड़ी दोष निवारण पूजा की जाती है. 
नाड़ी दोष के प्रभाव को समाप्त करने के लिए जरूरतमंद लोगों को सोना, अनाज, भोजन और कपड़े जैसी चीजों का दान करना एक प्रभावी उपाय माना जाता है.
नाड़ी दोष के प्रभाव को कम करने के लिए व्यक्ति अपने वजन के बराबर भोजन दान कर सकता है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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