नई दिल्लीः Navratri 2022 Day 3 नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है. इस दिन मां चंद्रघंटा के विग्रह की पूजा-आराधना की जाती है. देवी मां की ये शक्ति यानी मां चंद्रघंटा शत्रुहंता के रूप में विख्यात हैं.


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आराधना से माता की कृपा मिलती है
माना जाता है कि देवी चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है. नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी माता के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करता है, उन सभी को माता की कृपा प्राप्त होती है.


भक्तों को निर्भय बनाता है मां का ये स्वरूप
पौराणिक कथाओं के अनुसार, दैत्यों और असुरों के साथ युद्ध में देवी ने घंटों की टंकार से असुरों का नाश कर दिया था. इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा से सुख-संपदा मिलती है और जीवन आनंदित होता है. मान्यता है कि माता रानी का चंद्रघंटा स्वरूप भक्तों को निर्भय और सौम्य बनाता है.


आज का पंचांग
अश्विन - शुक्ल पक्ष - तृतीया - बुधवार 
नक्षत्र - स्वाति नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- वैधृति योग


चंद्रमा का तुला राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 09.12 बजे से 10.47 बजे तक
राहु काल- 12.17 बजे से 01.46 बजे तक


त्योहार - नवरात्रि का तीसरा दिन - मां चंद्रघंटा की पूजा


गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
एक सूखे नारियल में दो तरह के अनाज और चीनी को डालकर लाल कपड़े में बांध दें. सायंकाल से पहले उसे अपनी मनोकामना को याद करते हुए बहते पानी में प्रवाहित कर दें.


आचार्य विक्रमादित्य की भविष्यवाणी
शुक्रास्त हो रहा है. प्राकृतिक प्रकोप से भारी नुकसान हो सकता है. बाढ़, अतिवृष्टि, बीमारी, कृषि नुकसान.


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