नई दिल्ली:  Neelam Ratna: रत्न शास्त्र के अनुसार यह एकमात्र ऐसा रत्न है जिसे विधि-विधान से धारण करने पर 24 घंटे के अंदर असर दिखना शुरू हो जाता है. अगर यह रत्न किसी व्यक्ति को सूट कर जाए तो रातों-रात उसकी किस्मत बदल सकता है. लेकिन अगर वह व्यक्ति को सूट नहीं करता तो उसकी बर्बादी भी निश्चित है.


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हर व्यक्ति की कुंडली में कुछ ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं और कुछ ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं. खासकर जब शनि अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा शनि ग्रह कमजोर होने पर भी व्यक्ति को परेशानी उठानी पड़ती है. रत्न शास्त्र में रत्नों का उल्लेख किया गया है जो इस समस्या का समाधान कर सकते हैं. अगर सही रत्न सही तरीके से धारण किया जाए तो व्यक्ति को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं और उसका भाग्य भी बढ़ता है.


नीलम दो राशियों के लिए लाभकारी होता है
रत्न शास्त्र के अनुसार, नीलम मकर और कुंभ राशि के लिए लाभकारी रत्न है. इन दोनों राशियों पर शनि का शासन है. यदि इन दो राशियों के जातक की कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में है तो नीलम रत्न धारण करने से उनकी शक्तियों में वृद्धि हो सकती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कुंडली में चौथे, पांचवें, दसवें या ग्यारहवें भाव में शनि हो तो नीलम धारण करना लाभकारी होता है. 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नीलम के साथ मुमगा, माणिक या मोती पहनने से भारी नुकसान हो सकता है. नीलम रत्न धारण करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और अनिद्रा की शिकायत से भी छुटकारा मिलता है. नीलम धारण करने से व्यक्ति धनवान बनता है और उसके रुके हुए काम पूरे हो जाते हैं.


नीलम रत्न कम से कम 7 से 8.8 कैरेट का होना चाहिए. नीलम को पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर उंगली में पहनना चाहिए. इस रत्न को बाएं हाथ की उंगली में धारण करना चाहिए. इस रत्न को पहनने का सबसे अच्छा समय शनिवार की मध्यरात्रि है.


नीलम की अंगूठी को पहनने से पहले गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से साफ कर लें. इसके बाद अंगूठी पहन लें. अंगूठी पहनने के बाद शनि से संबंधित वस्तुएं जैसे काला कपड़ा, सरसों का तेल, लोहे की वस्तु, काले तिल, साबुत उड़द और कंबल का दान करना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)