Puja during Periods: व्रत के दौरान हो जाएं पीरियड्स तो क्या करें महिलाएं, जानें क्या कहते हैं नियम
Puja during Periods: महिलाओं को हर महीने पीरियड्स यानी मासिक धर्म का होना एक प्राकृतिक घटना है. पर कुछ कारणों से ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान पूजा करने से महिलाओं को अशुभ फल प्राप्त होता है.
नई दिल्ली: Puja during Periods: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ करने से मनाही के कई कारण हैं. आपके मन में भी यह सवाल उठता होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है. बता दें कि पीरियड्स के दौरान रसोई में जाना, अचार छूना, पूजा-पाठ करना या मंदिर जाने की भी मनाही होता है. महिलाओं को कई तरह के नियम का पालन करना होता है.
ये हैं धार्मिक कारण
हिंदू धर्म में, पीरियड्स को अपवित्र माना जाता है. महिलाओं को इस दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से अशुद्ध माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान महिलाओं का देवी-देवताओं से संपर्क नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह ला सकता है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पीरियड्स के दौरान महिला द्वारा तुलसी में जल डालने से तुलसी का पौधा सूख जाता है.
पीरियड्स के कितने दिन बाद पूजा-पाठ करना उचित है?
यदि मासिक धर्म 5वें दिन बाद बालों को धोकर पूजा-पाठ कर सकती हैं. कई महिलाओं को 7 दिनों तक भी पीरियड्स होते हैं. मासिक धर्म समाप्त होने के बाद 5वां दिन शुद्धिकरण के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. 5वें दिन स्नान करके महिलाएं पूजा-पाठ कर सकती हैं. कई महिलाओं को 7 दिनों तक भी पीरियड्स होते हैं.
अगर व्रत के दौरान हो जाएं पीरियड्स तो क्या करें?
यह एक आम समस्या है जो महिलाओं को अक्सर व्रत के दौरान झेलनी पड़ती है. पीरियड्स के दौरान, महिलाओं को कई नियमों का पालन करना पड़ता है, जिनमें व्रत करना भी शामिल है. यदि पीरियड्स व्रत के पहले दिन या दूसरे दिन शुरू होते हैं, तो व्रत तोड़ना बेहतर होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)