Shani ki Sadhe sati: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके ग्रहों और नक्षत्रों का बहुत प्रभाव होता है, जिसमें शनि को सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है. शनि को कर्मों का नतीजा देने वाला ग्रह माना जाता है जिसका आशीर्वाद जातकों की जिंदगी की रातों रात बदल सकता है तो वहीं पर अगर उनकी वक्र दृष्टि किसी पर पड़ जाए तो बुरे दिनों की शुरुआत हो जाती है.


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आखिर क्या होती है शनि की ढैया और साढ़ेसाती


अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है तो जीवन में कठिनाइयों और समस्याओं का दौर शुरू हो जाता है और बने हुए काम बिगड़ने लगते हैं. कुंडली पर प्रभाव डालने वाले सभी 9 ग्रहों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह है जिसके चलते यह राशि परिवर्तन में लगभग ढाई साल का समय लेता है.


शनि के राशि परिवर्तन की ढाई साल की इस अवधि को ढैया कहते हैं. इसी तरह से सात साल की अवधि को साढ़े साती कहा जाता है. किसी भी व्यक्ति के जीवन में शनि की ढैया और साढ़ेसाती को उसके जीवन का सबसे मुश्किल दौर माना जाता है जो व्यक्ति की किस्मत पलटने की ताकत रखता है क्योंकि यह समय जातकों के जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव लेकर आता है.


इन 3 राशियों पर नहीं पड़ता है शनि की साढ़ेसाती का असर


ऐसे में आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 12 राशियों में 3 ऐसी राशियां भी हैं जिन पर शनि की साढ़ेसाती का कोई असर नहीं होता है. आइये एक नजर इन पर डालते हैं- 


मकर और कुंभ राशि पर शनि ग्रह का स्वामित्व है और तुला इनकी उच्च राशि है। ऐसे में, शनि की साढ़े साती के प्रभाव कुंभ, मकर और तुला राशि वालों को प्रभावित नहीं करते हैं. इसके साथ ही जिन जातकों की कुंडली में शनि तीसरे, छठे, आठवें और बारहवें भाव में उच्च अवस्था में मौजूद होते हैं, तो ऐसे जातकों को भी शनि साढ़ेसाती प्रभावित नहीं करती है और शनि इन्हें शुभ परिणाम प्रदान करते हैं.


इन परिस्थितियों में भी नहीं होता शनि की साढ़े साती का दुष्प्रभाव


वहीं अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पहले से किसी ग्रह की शुभ दशा चल रही हो और ऐसे में, शनि की साढ़ेसाती भी शुरू हो जाए, तो इस स्थिति में शनि देव की दृष्टि कम ही पड़ती हैं. इस अवधि में आपके काम में बाधाएं उत्पन्न नहीं होती हैं और इन्हें हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है.


इनके अलावा अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मज़बूत होती है, तब भी शनि की साढ़े साती का नकारात्मक असर जातक को परेशान नहीं करता है, बल्कि इन लोगों के लिए शनि देव फलदायी साबित होते हैं. 


कैसे करें अपने शनि को मजबूत


अपनी कुंडली में शनि को मजबूत करने के लिए शनिवार के दिन शनि देव की मूर्ति के सामने सरसों के तेल का दिया जलाएं. शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. अगर जातक 7 मुखी रुद्राक्ष पहनते हैं तो भी शनि की कृपा होती है. वहीं शनिवार को उड़द की दाल, काला कपड़ा, काले तिल और काले चने जैसी वस्तुएं दान करने से शनि बलशाली होता है.


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(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)



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