नई दिल्ली: Shardiya Navratri 2024 Mantra: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां नवदुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा जाती है. ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी की देवी को कठोर तपस्या और ब्रह्म में लीन रहने के कारण माता ब्रह्मचारिणी कहा गया है. मान्यता है कि ब्रह्मचारिणी माता की पूजा करने से बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है. इससे हमारा मन भी शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है. चलिए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मुहूर्त और मंत्र. 


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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, सामग्री और मंत्र 



मां ब्रह्मचारिणी की पूजा सामग्री लिस्ट 


नवदुर्गा की प्रतिमा
लाल या पीला कपड़ा
अगर बत्ती
दीपक
घी या तेल
सफेद या पीले फूल 
मिठाई
अक्षत
रोली
चंदन
जल से भरा कलश 
नारियल
पूजा की थाली 


मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि 


सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं और साफ कपड़े पहन लें. 
नवदुर्गा का ध्यान करें और उसके बाद माता को पंचामृत से स्नान कराएं
माता को फल, सफेद फूल, धूप, दिया और नैवेद्य चढ़ाएं. 
इसके बाद माता को चीनी का भोग लगाएं.
घी में कपूर मिलाकर माता की आरती उतारें.
श्लोक और स्तोत्र का पाठ करें. 
आखिर में घर के सभी सदस्यों को प्रसाद बांटें. 



पूजा के दौरान इस स्तोत्र का पाठ करें


तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्। 
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम् ॥
 शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी। 
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम् ॥


माता ब्रह्मचारिणी की पूजा के फायदे


व्रत रखकर पूरे विधि विधान के साथ माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है.
जो व्यक्ति माता कू पूजा करता है उसके अंदर जप, तप और त्याग जैसे सात्विक गुणों का विकास होता है.
वह व्यक्ति विषम परिस्थितियों से लड़ने में अधिक सक्षम बन सकता है.


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