नई दिल्लीः Skand Shashthi: स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय ने दैत्य तारकासुर का वध किया था. यह वही तिथि है, जब देवताओं की सेना के सेनापति भगवान कार्तिकेय को नियुक्त किया गया था. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा में चंपा का फूल चढ़ाते हैं.


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इस व्रत को करने से सुख, शांति और मोक्ष प्राप्त होता है. चंपा षष्ठी के अवसर पर भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप की पूजा की जाती है.


मार्कंडेय स्वरूप की भी होती है पूजा
इनके चार आयुधों में खड्ग (खांडे) का विशेष महत्व है और इसी 'खांडे' के कारण इनका खंडोबा नाम पड़ा है. इस दिन भगवान शिव के मार्कंडेय स्वरूप की भी पूजा होती है. पूजा के समय शिवलिंग पर बाजरा, बैंगन, खांड, फूल, अबीर, बेलपत्र आदि चढ़ाया जाता है.


आज का पंचांग
मार्गशीर्ष - शुक्ल पक्ष- षष्ठी तिथि – मंगलवार
नक्षत्र – श्रवण  नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- ध्रुव योग
चंद्रमा का मकर के उपरांत कुंभ राशि पर संचरण


आज का शुभ मुहूर्त 
रवि योग सूर्य उदय से 08 .27 बजे तक
राहु काल- 02.57 बजे से 04.17बजे तक


त्योहार- स्कंद षष्ठी, चंपा षष्ठी


गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
भोजपत्र पर पीले चंदन से अपनी एक मनोकामना लिखकर शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु को अर्पित करें.

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