नई दिल्लीः Som Pradosh Vrat: सोमवार के दिन के प्रदोष व्रत को सोम प्रदोषम या चंद्र प्रदोषम भी कहा जाता है और इसे मनोकामनाओं की पूर्ति करने के लिए किया जाता है. प्रदोष व्रत को हिंदू धर्म में बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन पूरी निष्ठा से भगवान शिव की अराधना करने से जातक के सारे कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.


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प्रदोष व्रत पूजन का समय
शाम का समय प्रदोष व्रत पूजन समय के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि हिंदू पंचांग के अनुसार सभी शिव मंदिरों में शाम के समय प्रदोष मंत्र का जाप करते हैं.


आज का पंचांग
मार्गशीर्ष - कृष्ण पक्ष- द्वादशी तिथि 10.07 बजे तक, इसके उपरांत त्रयोदशी तिथि - सोमवार
नक्षत्र - चित्रा नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग - आयुष्मान योग
चंद्रमा का कन्या के उपरांत तुला राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 11.50 बजे से 12.34 बजे तक
आज का राहु काल- 08.09 बजे से 09.30 बजे तक


त्योहार -  सोम प्रदोष व्रत


गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आज सोम प्रदोष व्रत है. इसलिए 21 बेलपत्र और 11 सफेद कनेर पुष्प की एक लाल कलावा से माला बनाएं और उसे कच्चे दूध में डूबाकर शिवलिंग को अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.


आचार्य विक्रमादित्य की भविष्यवाणी
इस महीने में कई ग्रहों ने अपना स्थान परिवर्तित किया है. इसका प्रभाव यह देखने को मिलेगा कि आने वाले समय में कई उच्च पदस्थ सत्तासीन लोग अपने पद और सम्मान से वंचित हो जाएंगे.



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