नई दिल्ली: हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है. जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया है उनकी महिमा बताई गई है लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है. सुंदरकांड के महत्व को मनोवैज्ञानिकों ने भी बहुत खास माना है. शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहीं विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है. विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है. सुंदरकांड का पाठ करने से शनि दोष भी दूर होता है. 


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शनिदेव भी आपका बुरा नहीं करेंगे
पौराणिक मान्यता है कि शनिदेव हनुमानजी से डरते हैं. शनिदेव की दशा के प्रभाव को कम करने के उपायों में से एक है हनुमानजी की पूजा. शनिवार को यदि आप सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो बजरंगबली तो प्रसन्न होंगे ही और साथ में शनिदेव भी आपका बुरा नहीं करेंगे. सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं. उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती.
 
शनिदशा में लाभ
शनिदेव स्वयं हनुमानजी के भक्त हैं और उनसे भय खाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों पर शनि की ढैय्या फिर साढ़ेसाती चल रही होए वे अगर रोजाना सुंदरकांड का पाठ करें तो शनि की महादशा का प्रभाव कम होता है. शनि बिना कुछ बुरा किए इस पूरी महादशा की अवधि को गुजार देते हैं.


इस दिन जरूर करें पाठ 
अगर आपकी शनि की ढैय्या या फिर साढ़ेसाती चल रही हैं तो आपको शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी पूजा करनी चाहिए. वहीं आप अपने घर पर या फिर मंदिर में शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ जरूर करें. शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से शनि की महादशा का प्रभाव कम होगा. 


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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