Trigrahi Yog in mahashivratri 2023 महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित त्योहारों में से एक है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन महा शिवरात्रि के साथ ही कई शुभ और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं.  जहां एक ओर सूर्य, चंद्रमा और शनि के साथ त्रिग्रही योग बन रहा है, वहीं महा शिवरात्रि 2023 के दिन ही शनि प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है. इसलिए इन दुर्लभ और शुभ संयोगों के कारण शनि की दशा से प्रभावित लोग साढ़े साती और ढैय्या से कुछ राहत मिलेगी.


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महाशिवरात्रि का पर्व  18 फरवरी, 2023 को रात  08 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर 19 फरवरी, 2023 को  सुबह 04 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा. वहीं, महाशिवरात्रि का पारण 19 फरवरी 2023 को सुबह 6 बजकर 57 मिनट पर दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक होगा.


निशिता काल मुहूर्त
वहीं, निशिता काल में भगवान शिव की पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है और आप पर महादेव की विशेष कृपा बनी रहती है. निशिता काल पूजा 19 फरवरी को रात12 बजकर 09 मिनट से 1 बजे तक रहेगा. बता दें कि शिवरात्रि में शिव जी की चार पहर की पूजा होती है.


महा शिवरात्रि पर त्रिग्रही योग 
त्रिग्रही योग तब बनता है जब तीन ग्रह एक ही राशि में होते हैं. इस बार सूर्य, चंद्र और शनि एक साथ कुम्भ राशि में हैं. महाशिवरात्रि 2023 और शनि प्रदोष व्रत एक ही दिन होने से इस योग का महत्व और भी बढ़ गया है. यह योग शनि दोष से पीड़ित लोगों की किस्मत पलटने वाला है. त्रिगही योग से शनि की साढ़े साती और ढैय्या के दुष्प्रभाव को दूर करने में मदद मिलती है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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