परिवार पर आने वाले संकट को लेकर पहले ही संकेत दे देता है ये पौधा, दूर करता है ये दोष
पेड़-पौधे भी आने वाले किसी अनिष्ट की सूचना देते हैं, बस जरूरत है तो उन्हें ध्यान से देखकर उनके संकेतों को पहचानने की. ईश्वर ने प्रकृति के प्रत्येक जीव, प्राणी और पेड़-पौधों को कुछ विशेष गुण दिए हैं, जिन्हें देखकर आसानी से भविष्य के कुछ संकेत मिल जाते हैं.
नई दिल्ली: ईश्वर ने प्रकृति के प्रत्येक जीव, प्राणी और पेड़-पौधों को कुछ विशेष गुण दिए हैं, जिन्हें देखकर आसानी से भविष्य के कुछ संकेत मिल जाते हैं. आपने देखा और सुना होगा कि किसी मनुष्य, जीव-जंतु का व्यवहार तब विचित्र हो जाता है, जब प्रकृति में कुछ बदलाव होने वाला हो, कोई प्राकृतिक आपदा आने वाली हो.
लेकिन क्या आपको पता है कि पेड़-पौधे भी आने वाले किसी अनिष्ट की सूचना देते हैं, बस जरूरत है तो उन्हें ध्यान से देखकर उनके संकेतों को पहचानने की. ऐसा ही एक पौधा है तुलसी. लगभग प्रत्येक हिंदू घर में तुलसी का पौधा मिल जाएगा. इसे अत्यंत पवित्र और पूजनीय स्थान प्राप्त है.
तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा संकट का संकेत
तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा यह संकेत देता है कि निकट भविष्य में परिवार पर कोई संकट आने वाला है. अगर परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई मुश्किल आने वाली है तो उसकी सबसे पहली नजर घर में मौजूद तुलसी के पौधे पर पड़ती है. शास्त्रों में भी यह बात लिखी है कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानी तुलसी चली जाती है और वहां दरिद्रता का वास होने लगता है. जहां दरिद्रता, अशांति और कलह का वातावरण होता है वहां कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता. ज्योतिष के अनुसार ऐसा बुध ग्रह की वजह से होता है क्योंकि समस्त हरे पेड़-पौधों पर बुध ग्रह का प्रभाव होता है.
तुलसी से जुड़े इन नियमों पर जरूर ध्यान दें
शास्त्रों में तुलसी के अनेक प्रकार बताए गए हैं. इनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से शामिल हैं. इन सभी के गुण अलग-अलग और विशिष्ट हैं.
वास्तु दोष का होता है निदान
आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या लगातार बिजनेस में नुकसान हो रहा है तो दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखी तुलसी पर प्रत्येक शुक्रवार को कच्चा दूध और मिठाई का भोग लगाने के बाद उसे किसी सुहागिन स्त्री को दे दें. इससे आर्थिक लाभ मिलने लगता है.
घर की महिलाएं यदि प्रतिदिन तुलसी में शुद्ध जल अर्पित कर शालिग्राम का अभिषेक करें तो वास्तुदोष समाप्त हो जाता है. वास्तुशास्त्र में भी तुलसी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. वास्तु के अनुसार तुलसी को किसी भी प्रकार के दोष से मुक्त रखने के लिए उसे दक्षिण-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम में लगा सकते हैं.
अगर तुलसी के गमले को रसोई के पास रखा जाए तो किसी भी प्रकार के गृह कलह से मुक्ति पाई जा सकती है. यदि आपकी संतान आपके नियंत्रण से बाहर हो गई है तो पूर्व दिशा में रखी गई तुलसी के तीन पत्तों को प्रतिदिन बच्चों को खिलाने से वे आपकी आज्ञा का पालन करने लगते हैं.
तुुलसी के संबंध में शास्त्रों में कुछ नियम हैं
पारिवारिक समस्या के निवारण और सुखी जीवन के लिए रसोईघर के समीप तुलसी का पौधा लगाना चाहिए. तुलसी के पत्ते तोड़ने के लिए भी शास्त्रों में कुछ नियम बनाए गए हैं. शास्त्रों के अनुसार अनुसार एकादशी, रविवार और सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए.
तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले स्नान करना आवश्यक है. बिना स्नान किए तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए. तुलसी के पौधे में प्रतिदिन ताजा जल अर्पित करना चाहिए और शाम के समय उसके समीप दीपक अवश्य लगाना चाहिए. इससे लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.
तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है. जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां कोई बुरा साया नहीं आता.
सूखा हुआ तुलसी का पौधा घर में न रखें
तुलसी का पौधा यदि किसी कारणवश सूख गया है तो उसे किसी पवित्र नदी, तालाब या कुएं में डाल देना चाहिए. सूखा हुआ तुलसी का पौधा घर में न रखें.
घर में तुलसी के पौधे विषम संख्या में होना चाहिए. जैसे 1, 3, 5 या 7.
जिस गमले में तुलसी का पौधा लगा हो उसमें कोई दूसरा पौधा नहीं लगाना चाहिए.
शिव और गणेशजी की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
चमत्कारिक औषधि भी है तुलसी
आयुर्वेद में तुलसी को एक चमत्कारिक औषधि के रूप में मान्यता है. यह कई रोगों की दवा है इसलिए कई लोग तुलसी के पत्तों का सेवन करते हैं. लेकिन ध्यान रहे तुलसी के पत्ते खाने का भी नियम है. तुलसी के कम से कम दो पत्तों का सेवन प्रतिदिन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है. मच्छर जनित रोग, सर्दी, जुकाम, खांसी जैसे रोग नहीं आते. तुलसी के पत्तों को चबाना नहीं चाहिए क्योंकि इसमें पारा होता है, जो दांतों को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए तुलसी के पत्तों को निगल लेना चाहिए. तुलसी मानव शरीर में कान, वायु, कफ, ज्वर, खांसी और दिल की बीमारियों के लिए खासी उपयोगी है.
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