नई दिल्ली. Valmiki Jayanti 2022 वाल्मीकि जयंती ऋषि महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर मनाई जाती है. इस दिन को प्रगति दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन रामायण लिखने वाले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की पूजा होती है. हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, वाल्मीकि जयंती अश्विन महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. इस बार वाल्मीकि जयंती 09 अक्टूबर को मनाई जा रही है.


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शुभ मुहूर्त
बता दें कि 09 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि शुरू हुई है, जो 10 अक्टूबर को सुबह 2 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार इस साल वाल्मीकि जयंती 09 अक्टूबर को मनाई जा रही है.


कैसे पड़ा नाम
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महर्षि वाल्मीकि की नारद मुनि से मुलाकात उनके लिए जीवन बदलने वाली घटना बनी थी. इसके बाद उन्होंने भगवान राम की पूजा करने का फैसला किया और वर्षों तक तपस्या में लीन रहे. उनकी भक्ति इतनी अडिग थी कि उनके शरीर पर दिमकों ने बांबी बना ली थी. संस्कृत में अर्थ बांबी का अर्थ वाल्मीकि होता है. इस घटना के बाद से ही उनका यह नाम पड़ा.


क्या है महत्व
हिंदू धर्म में रामायण को प्रमुख महाकाव्य के रूप में जाना जाता है. महर्षि वाल्मीकि ने ही संस्कृत में रामायण की रचना की थी. वाल्मीकि जयंती के दिन महर्षि वाल्मीकि की पूजा की जाती है. वाल्मीकि जयंती के दिन सबसे बड़ा समारोह चेन्नई के तिरुवन्मियूर में होता है, जहां ऋषि को समर्पित एक मंदिर है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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