Vastu Tips: नेगेटिव एनर्जी को दूर करने लिए अपनाएं ये वास्तु उपाय, घर में रहेगा पॉजिटिव औरा
Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के द्वारा घर में सकारात्मक का संचार किया जा सकता है. आइए जानते हैं घर में कैसे वास्तु की मदद से सकारात्मकता बढ़ा सकते हैं.
नई दिल्ली Vastu Tips: वास्तुशास्त्र एक प्राचीन भारतीय विद्या है, जो हमें सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश प्रदान करती है. वास्तु शास्त्र हमारे घर की ऊर्जा को सकारात्मक और शांतिपूर्ण बनाने में मदद करता है. यह हमें उन शारीरिक, आर्थिक और मानसिक समस्याओं का सामना करने का तरीका सिखाता है, जो हमारे घर की एनर्जीजीज से आती हैं. आप भी अपने घर में सकारात्मकता को बढ़ाने के लिए कुछ आसान वास्तु टिप्स शामिल करके अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बना सकते हैं. आइए जानी मानी ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ आचार्य माना अग्रवाल जी से जानें कि घर में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए वास्तु टिप्स.
घर को साफ-सुथरा रखें
घर में सफाई और व्यवस्था का पालन करना वास्तु के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. सबसे पहले, अपने घर को साफ-सुथरा रखना आवश्यक है. अव्यवस्थितता और गंदगी आपके घर में नकारात्मकता का कारण बन सकती हैं. रोजमर्रा की ज़िंदगी में सभी कमरों को साफ करें और अपनी वस्तुओं को ठीक से व्यवस्थित करें.
प्रवेश द्वार
घर का प्रवेश द्वार बहुत महत्वपूर्ण होता है ये हमारे जीवन में आने वाले अच्छे बुरे प्रभाव को बताता है. आपके घर के प्रवेश द्वार को सजाएं और सुंदर बनाएं. यह एक मुख्य स्थान है जो सकारात्मक ऊर्जा को आपके घर में आमंत्रित करता है. आपको ध्यान देना चाहिए कि द्वार आसानी से खुले और बंद होने चाहिए. किसी भी बाधा या रुकावट को दूर करें और द्वार को खुलने और बंद होने के लिए पूरी तरह से सुगम बनाएं.घर में ३२ इंट्रेंसेज होती हैं जिनमे से कुछ अच्छी होती हैं और कुछ जिन्हें हमें अवॉयड करना चाहिए.
पंचतत्वों का संतुलन
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश ये पांच तत्व हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं. अपने आसपास के वातावरण में इन तत्वों के संतुलन को बनाए रखें. पौधों, जलीय विशेषताओं और प्राकृतिक प्रकाश का सही दिशा में उपयोग करें और संतुलित और शांतिपूर्ण माहौल बनाएं.
सही रंगों का उपयोग
रंगों का चयन और रोशनी का उपयोग घर के वातावरण पर बहुत प्रभाव डालता है. आपको उज्ज्वल, सुखद रंगों का उपयोग करना चाहिए जहां शांति और ध्यान की आवश्यकता हो, जैसे कि सोने के कक्ष या ध्यान क्षेत्र. प्रेरणादायक और ऊर्जावान रंगों का उपयोग करें जहां सृजनात्मकता और ऊर्जा प्रवाह को प्रोत्साहित किया जाता हो, जैसे कि पढ़ाई के कमरे या कार्यक्षेत्र. नार्थ की दिशा में नीला रंग यूज़ करना चाहिये, पूर्व में हरा, दक्षिण में लाल और पश्चिम में सफ़ेद.
पेड़ पौधे: और नैचुरल लाइट
अपने घर में पौधों को घर के उत्तर और पूर्व दिशा में उपयोग करके सकारात्मकता को बढ़ा सकते हैं. हरे पेड़, तुलसी का पौधा, अलोवेरा और बम्बू जैसे पौधे घर में रखें. ये पौधे प्रकृति की ऊर्जा को आपके घर में लाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं. अपने घर या कार्यस्थल में नैसर्गिक प्रकाश और वेंटीलेशन का सदुपयोग करें. खिड़कियां खोलें और ताजगी वायु को मुक्त रूप से सर्कुलेट करने दें. नैसर्गिक प्रकाश न केवल आपके आस-पास की जगह को चमकाता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है.
धयान और प्रार्थना का स्थान:
ध्यान और प्रार्थना करने के लिए अपने घर में एक विशेष स्थान बनाएं. यह स्थान घर के उत्तर पूर्व की दिशा में एक छोटा कोना या अलग कमरा हो सकता है जहां आप ध्यान कर सकें, योग कर सकें या आध्यात्मिक गतिविधियों में संलग्न हो सकें. इसे साफ़ रखें, क्लटर मुक्त करें और इसे प्राथमिकता दें. इस स्थान पर स्वर्णिम प्रतिमाएं, धार्मिक प्रतीक या आपके लिए महत्वपूर्ण वस्तुयें रखें.
इन सरल वास्तु टिप्स को अपने घर में अपनाकर, आप सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं. वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करके आप एक सकारात्मक और समृद्ध जीवन का आनंद उठा सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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