क्या कहती है रूस-यूक्रेन की कुंडली? जानें, ज्योतिष के अनुसार अभी कितना खतरा है परमाणु युद्ध का
शनि और मंगल दोनों बड़े ग्रह हैं. दोनों झुकने वाले ग्रह नहीं हैं. दोनों स्वाभिमानी हैं. दोनों अपने वर्चस्व को बनाये रखना चाहते हैं. इन्हीं दोनों ग्रहों से प्रभावित होकर रूस एवं यूक्रेन झुकना नहीं चाहते हैं. वर्चस्व की लड़ाई से दोनों देशों के बीच विनाशकारी स्थिति बन गई है.
नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. ग्रहों के अनुसार वर्तमान समय में मंगल और शनि की युति होने से रूस यूक्रेन भयावह युद्ध से गुजर रहे हैं. मंगल उच्च राशि में है और शनि अपनी राशि में मजबूत स्थिति में है. ऐसी स्थिति में भयंकर युद्ध की विभीषिका बनती है. शनि अपने घर में विराजमान है. मंगल का उच्च राशि में प्रवेश मंगल को अत्यधिक मजबूत स्थिति में पहुंचाता है. मंगल साहस क्रोध, लड़ाई-झगड़े एवं वर्चस्व की होड़ से युक्त है. मंगल शनि दोनों क्रूर ग्रह माने जाते हैं. दोनों की युति अत्यधिक विषमकारी है. इन्हीं दोनों ग्रहों के प्रभाव से रूस यूक्रेन में युद्ध की स्थिति बनी है. जब तक शनि की चाल नहीं बदलेगी तब तक विश्व तनाव से गुजरेगा.
शनि और मंगल दोनों स्वाभिमानी
शनि और मंगल दोनों बड़े ग्रह हैं. दोनों झुकने वाले ग्रह नहीं हैं. दोनों स्वाभिमानी हैं. दोनों अपने वर्चस्व को बनाये रखना चाहते हैं. इन्हीं दोनों ग्रहों से प्रभावित होकर रूस एवं यूक्रेन झुकना नहीं चाहते हैं. वर्चस्व की लड़ाई से दोनों देशों के बीच विनाशकारी स्थिति बन गई है. अभी शुक्र भी इस राशि में है जिसके कारण आपसी समझौते आदि का दौर चलता रहेगा. समझौते न मानने की अकड़ के कारण दोनों देशों के बीच बड़े युद्ध की स्थिति बन सकती है. आने वाले समय में स्थिति और विकराल हो सकती है, शुक्र के प्रभाव के कारण विश्व के कई देश दोनों देश के पक्ष में खड़े हो सकते हैं.
क्या कहती है रूस और यूक्रेन की कुंडली ?
जिस तरह मनुष्य की कुंडली को देखकर ज्योतिष के अनुसार उसके भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. ठीक उसी तरह हर देश, काल, जमीन की भी कुंडली देखी जाती है. वर्तमान समय में रूस और यूक्रेन की कुंडली में कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जिससे दोनों देश आपस में टकरा गये. और यह युद्ध इतना भीषण रूप लिया है कि वहां मानवता त्राहिमाम कर रही है.
रूस की कुंडली
स्थापना दिवस - 23 दिसंबर 1991
समय- 6.00 बजे
स्थान- मास्को
रूस की कर्क लग्न की कुंडली है और कर्क राशि है. इस समय केतु की महादशा चल रही है जो अक्टूबर 2020 से शुरू हुई है और अक्टूबर 2027 तक चलेगी और केतु में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है जो मार्च 2021 से शुरू हुई है और मई 2022 तक चलेगी.
रूस की अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित, महंगाई पहुंचेगी चरम पर
रूस की कुंडली में लग्न का स्वामी चंद्रमा लग्न में बैठा हुआ है भाग्य का स्वामी बृहस्पति सिंह राशि में बैठा है और कर्म स्थान का स्वामी मंगल वृश्चिक राशि में पांचवें घर में बैठा है. केतु 12वें घर में बैठा है और शुक्र चौथे घर में अपनी ही तुला राशि में बैठा है अपनी सीमाओं को और सुरक्षित करने के लिए रूस द्वारा किया जा रहा ये युद्ध रूस की अर्थव्यवस्था पर असर डालेगा, धन, जन, सम्मान की हानि होगी, मंगल युद्ध का देवता माना जाता है और केतु को 8वीं दृष्टि से देख रहा है, रूस अपना आत्मअभिमान, गौरव बचाने के लिए युद्ध में किसी हद तक जा सकता है यूक्रेन को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.
यूक्रेन की कुंडली
स्थापना दिवस -24-8-1991
समय- 18 बजे
स्थान- कीव, यूक्रेन
यूक्रेन की मकर लग्न की कुंडली है और मकर राशि है इस समय बृहस्पति की महादशा चल रही है जो अगस्त 2013 से शुरू हुई है और अगस्त 2029 तक चलेगी और शुक्र की अंतर्दशा चल रही है जो जून 2021 से शुरु हुई है और फरवरी 2024 तक चलेगी.
लग्न का स्वामी शनि अपनी राशि मकर में बैठा हुआ है. सातवें घर का स्वामी चंद्रमा लग्न में है. भाग्य का स्वामी बुध आठवें घर में अस्त होकर बैठा हुआ है आठवें घर में सूर्य, बृहस्पति, शुक्र साथ में बैठे हैं शुक्र और बृहस्पति भी अस्त हैं राहु 12वें घर में मीन राशि में बैठा हुआ है
राहु की वजह से दिग्भ्रमित यूक्रेन, अपनी बर्बादी की गाथा खुद लिख रहा है
महादशा का स्वामी बृहस्पति पराक्रम भाव और 12वें घर का स्वामी है अंतर्दशा का स्वामी शुक्र पांचवें घर और 10वें घर का स्वामी है दोनों ही ग्रह सौम्य ग्रह है युद्ध का देवता मंगल भाग्य स्थान में बैठा है चौथी दृष्ठि से 12वें घर में बैठे राहु को देख रहा है, राहु बाहरी तत्व का, अनजान लोगों का, धोखाधड़ी, वादा खिलाफी का कारक माना जाता है,
यूक्रेन को राहु की वजह से ज्यादा नुकसान हो रहा है जो वादा यूक्रेन से अलग-अलग देशों ने किया होगा वो कभी नहीं पूरा करेंगे, राहु के प्रभाव और शुक्र की अंतर्दशा की वजह से कुछ देश यूक्रेन को उकसा सकते हैं और एटॉमिक या रासायनिक हथियारों का प्रयोग करके यूक्रेन युद्ध में बने रहने का प्रयास कर सकता है.
ग्रहों की चाल बदलने से परमाणु युद्ध का खतरा टल सकता है
07 अप्रैल को मंगल पूरी तरह मकर राशि को छोड़ दिया है और 15-20 अप्रैल आते-आते कमजोर वह हो जायेगा. जिससे दोनों देशों के बीच शांति का दौर चलने की उम्मीद बन सकती है. विश्व के देश दोनों देशों के बीच आपसी सहमत विकसित कराने और शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकते है. विश्व पर मंडराने वाला परमाणु बम का खतरा भी टल जायेगा. इस बीच विश्व को दोनों देशों के पक्ष में सूझ-बूझ से जुड़ने एवं शांति समझौता कराने की भूमिका में अहम योगदान देना चाहिए.
मंगल के आगे बढ़ने से मिलेगी राहत
विश्व के कई देश दोनों देशों को समझाने युद्ध न लड़ने आपस में शांति से समझौते करने जैसे विचार रख सकते है. लेकिन आपसी समझौते की स्थिति न मानते हुए दोनों देश भीषण युद्ध की विभीषिका में पहुंच सकते है. परमाणु युद्ध जैसी विभीषिका विश्व को देखनी पड़ सकती है. थोड़ी-सी राहत यह है कि शुक्र , जो दोनों देशों के बीच समझौते आदि के द्वारा आपसी सुलह का प्रयास करवाता रहेगा. जिससे दोनों देशों की बीच भयावह स्थिति हो सकती है. राहत की बात यह है कि मंगल भी धीरे-धीरे इस राशि से आगे बढ़ने लगेगा और कमजोर होने लगेगा ऐसी स्थिति में दोनों देश समझौते पर आने लगेंगे.
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