Gochar Kya hota hai? राशियों का आपके जीवन पर बड़ा गहरा असर पड़ता है. जातक की कुंडली में ग्रहों की चाल उसे राजा से रंक और रंक से राजा बना सकती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विभिन्न ग्रहों का मार्गी और वक्री होना  12 राशियों पर लगातार प्रभाव डालता रहता है. ग्रहों की चाल में बदलाव व्यक्ति के जीवन से लेकर उनके व्यक्तित्व तक पर गहरा असर पड़ता है. यहां आपको ज्योतिष के तीन शब्दों- गोचर, मार्गी और वक्री को समझना बेहद आवश्यक है.


गोचर क्या होता है?(Gochar Kya hota hai?)


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ब्रह्माण्ड में स्थित सभी ग्रह लगातार अपनी धुरी और गति से निरंतर भ्रमण करते रहते हैं. इस दौरान वे एक राशि से दूसरी राशि में लगातार प्रवेश करते रहते हैं. ग्रहों के इस प्रकार राशि में परिवर्तन करने और दूसरी राशि में जाने को ही 'गोचर' कहा जाता है.


मार्गी और वक्री (Margi and Vakri meaning)


अगर कोई ग्रह मार्गी अवस्था में है, तो उसका अर्थ होता है कि वह अपनी सीधी चाल से गति कर रहा है. वहीं, इसके उलट जब कोई ग्रह उल्टी चाल चल रहा होता है, तो उसे वक्री गति से गोचर चलना कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,सूर्य और चंद्र कभी भी वक्री गति अर्थात विपरीत दिशा में नहीं चलते, जबकि राहु और केतु हमेशा वक्री चाल में ही गोचर करते हैं.


शुभ और अशुभ ग्रह (shubh ashubh grah kaise jane)


ज्योतिष शास्‍त्र में कुछ ग्रहों को शुभ और कुछ को अशुभ माना जाता है।.इसमें बुध, शुक्र, चंद्रमा और गुरु सबसे अधिक शुभ माने जाते हैं. जबति मंगल, शनि, सूर्य और राहु को अशुभ ग्रह माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति, सूर्य एवं मंगल ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं, उन्हें जीवन में खूब सफलता मिलती है। साथ ही वे धनवान भी होते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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