नई दिल्लीः Kharmas 2023: साल 2023 के दूसरे खरमास के शुरू होने में महज 19 दिनों का समय बचा हुआ है. खरमास 2023 की शुरुआत 16 दिसंबर से हो रही है. वहीं, इसकी समाप्ति 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति के साथ हो जाएगी. शास्त्रों की मानें, तो खरमास में किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य पर पूर्ण रूप से रोक होता है. 


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खरमास में मांगलिक कार्यों पर होती है मनाही
इसका मतलब हुआ कि खरमास के दौरान आप किसी भी तरह का मांगलिक कार्य जैसेः विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार इत्यादि नहीं कर सकते हैं. खरमास में ऐसे काम करने पर शुभ फल के बजाय अशुभ फल की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र की मानें, तो जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लग जाता है. इस दौरान यह एक महीने के लिए लगता है. 


साल में दो बार आता है खरमास 
शास्त्रों की मानें, तो एक साल में दो बार खरमास लगता है. खरमास को कई जगहों पर मलमास भी कहा जाता है. इस साल दिसंबर महीने में सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन धनु संक्रांति मनाई जाएगी. ज्योतिष की मानें, तो धनु बृहस्पति की राशि है और जब भी सूर्य बृहस्पति की राशि पर भ्रमण करते हैं, तो मनुष्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. 


मांगलिक कार्यों पर क्यों होती है मनाही
मान्यता है कि सूर्य के बृहस्पति की राशि में प्रवेश करने से गुरु ग्रह का बल कमजोर होता है. साथ ही सूर्य का तेज भी कम होता है. मांगलिक कार्यों के लिए इन दोनों ग्रहों का मजबूत होना जरूरी है. यही वजह है कि खरमास के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य जैसेः शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि जैसे शुभ और मांगलिक कार्य करने पर अशुभ फल मिलते हैं.


खरमास में क्या न करें
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इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य जैसेः शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि न करें. 
. खरमास के दौरान नए घर में भी प्रवेश नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि इससे परिवार में अशांति रहती है. 
. इस दौरान नए बिजनेस की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. इससे व्यापार में सफलता मिलने की संभावनाएं कम हो जाती हैं. 


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